मध्य उत्तर प्रदेश में चंबल और यमुना के दोआब में स्थित इटावा जनपद की पहचान समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव की कर्मस्थली के रूप में की जाती है। वर्ष 1967, यानी मुलायम सिंह यादव ने जब से राजनीति में कदम रखा तब से यह जनपद प्रदेश की राजनीति में खासा रसूख रखता है। मुलायम सिंह यादव सात बार जसवंतनगर विधान सभा सीट से विधायक चुने गये उसके बाद उनके भाई शिवपाल सिंह यादव चार बार। इसका असर रहा और यहां संसदीय सीट पर सपा का ही कब्जा रहा।1998 में भाजपा की सुखदा मिश्र सांसद रही और अब अशोक दोहरे हैं। बाकी जनता पार्टी या सपा का ही कब्जा रहा। कांग्रेस के जनक एओ ह्यूम भी यहां के जिला कलक्टर रहे हैं। मुख्यत: यहां पर कृषि पर ही आधारित जनजीवन है।
विधानसभा, विकास और स्थानीय मुद्दे
इटावा संसदीय क्षेत्र में पांच विधानसभा सीट है। इसमें एक सीट कानपुर देहात की सिकंदरा, दो सीट औरैया की दिबियापुर और औरया एवं दो सीटी इटावा जनपद की भरथना औऱ सदर है। इन सभी पर भाजपा के विधायक हैं। जिले की जसवंत नगर विधानसभा सीट मैनपुरी संसदीय क्षेत्र में आती है। यहां से शिवपाल सिंह यादव विधायक हैं। वहीं बीस सालों में इटावा जनपद का कायाकल्प हो गया है। यहां जनपद में सैफई मेडिकल यूनिवर्सिटी की शुरूआत हुई। तीन रेल लाइनों, इटावा-मैनपुरी, इटावा-बाह-आगरा, इटावा-ग्वालियर लाइन की शुरूआत की गई। हवाई पट्टी मिली। स्टेडियम मिला। शहर में जाम से निजात के लिए ओवरब्रिज बने। जिला कृषि आधारित है। यहां यादव परिवार ही मुद्दा रहा है।
इटावा की खास बातें
इटावा उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख शहर और लोकसभा क्षेत्र है। इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना नदी के तट पर स्थित है। इस शहर में कपास और रेशम बुनाई के उद्योग और तिलहन मिलें हैं। यहां पर शेरों के संरक्षण के लिए इटावा सफारी अभ्यारण्य है। सुमेर सिंह का किला, चम्बल, जुगरामऊ गांव, टैक्सी मंदिर, बाबरपुर, बकेवर, चकरनगर, जसौहारन, अहीरपुर, प्रताप नगर और सरसईनावर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। इटावा की जामा मस्जिद भी काफी प्रसिद्ध है। इटावा के शिक्षण संस्थानों में गवर्नमेंट इंटर कॉलेज, एच.एम.एस.इस्लामिया इंटर कॉलेज, कर्म क्षेत्र पी.जी. कॉलेज यहां अच्छे माने वाले कॉलेज हैं। दिल्ली से इटावा की दूरी 338.8 किलोमीटर है।
रामेश्वर कथेरिया
बीजेपी2019
प्रेमदास
सपा2009
रघुराज सिंह शाक्य
सपा2004
रघुराज सिंह शाक्य
सपा1999
सुखदा मिश्रा
बीजेपी1998
राम सिंह शाक्य
सपा1996
कांशीराम
बीएसपी1991
राम सिंह शाक्य
जेडी1989
रघुराज सिंह
कांग्रेस1984
राम सिंह शाक्य
जनता पार्टी एस1980
अर्जुन सिंह भदौरिया
बीएलडी1977
शेखर शंकर तिवारी
कांग्रेस1971
ए सिंह
एसएसपी1967
गोपी नाथ दीक्षित
कांग्रेस1962
अर्जुन सिंह
निर्दलीय1957
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान