सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण संसदीय क्षेत्र है। गांधी परिवार के वरुण गांधी इसी संसदीय क्षेत्र के सांसद हैं। गोमती नदी के तट पर बसा सुल्तानपुर इसी राज्य का एक प्रमुख क्षेत्र है। सुल्तानपुर जिले की स्थानीय बोलचाल की भाषा अवधी और सम्पर्क भाषा खड़ी बोली है। कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, कमला नेहरू भौतिक एवं सामाजिक विज्ञान संस्थान, राजकीय पॉलीटेक्निक संस्थान, सरस्वती विद्या मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय यहां के प्रमुख कॉलेज हैं। परीजात व्रिक्ष, धोपाप मंदिर, लोहरामाउ देवी मंदिर, सीताकुंड सुल्तानपुर के प्रमुख दार्शनीय स्थल हैं। दिल्ली से इस क्षेत्र की दूरी 707.8 किलोमीटर है और लखनऊ से दूरी 165.7 किलोमीटर है।
मेनका गांधी
बीजेपी2019
डॉ संजय सिंह
कांग्रेस2009
मोहम्मद ताहिर
बीएसपी2004
जय भद्र सिंह
बीएसपी1999
देबेंद्र बहादुर राय
बीजेपी1998
देवेंद्र बहादुर राय
बीजेपी1996
विश्वनाथ दास शास्त्री
बीजेपी1991
राम सिंह
जेडी1989
राज करण सिंह
कांग्रेस1984
गिरिराज सिंह
कांग्रेस1980
जुल्फिकार उल्लाह
बीएलडी1977
केदारनाथ सिंह
कांग्रेस1971
जी सहाय
कांग्रेस1967
कुंवर कृष्णा
कांग्रेस1962
गोविन्द मालवीय
कांग्रेस1957
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान