तथागत गौतम बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थली के रूप में कुशीनगर वैश्विक मानचित्र पर प्रमुखता से अंकित है। यह क्षेत्र बुद्ध और गुप्तकाल के कई प्राचीन धरोहरों को भी समेटे हुए है। मान्यता है कि यह क्षेत्र भगवान श्रीराम के पुत्र कुश की राजधानी था और तब इसका नाम कुशावती था। इस सीट पर पहली बार 2009 में आम चुनाव हुए जिनमे कांग्रेस के रंजीत प्रताप नारायण ने जीत दर्ज की। साल 2014 में यहां पर भारतीय जनता पार्टी विजयी हुई और राजेश पाण्डेय सांसद बने। इस क्षेत्र में देवरिया जनपद के हिस्से भी आते हैं।
विधानसभा और मुद्दे
कुशीनगर जिले की कुल आबादी 35,64,544 लाख है। इसमें खड्डा, हाटा, पडरौना, रामकोला और कुशीनगर विधानसभा शामिल है। स्थानीय मुद़दों में गन्ना किसानों की बदहाली, मूलभूत संसाधनों की कमी प्रमुख है। वहीं विकास की धीमी गति, शिक्षा और बेरोजगारी भी मुद्दे हैं।
कुशीनगर की खास बातें
कुशीनगर, उत्तर प्रदेश का लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है। यह बौद्ध तीर्थस्थल है जहां गौतम बुद्ध का महापरिनिर्वाण हुआ था। यहां अनेक बौद्ध मन्दिर हैं। इसी वजह से यह एक अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल भी है जहां विश्व भर के बौद्ध तीर्थयात्री भ्रमण के लिए आते हैं। यहां बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बुद्ध इण्टरमडिएट कॉलेज प्रमुख हैं। यहां के लोग ज्यादातर भोजपुरी बोलते हैं। निर्वाण स्तूप, महानिर्वाण मंदिर, माधाकुंवर मंदिर, रामाभर स्तूप, बौद्ध संग्रहालय यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं। दिल्ली से कुशनीगर की दूरी 876 किलोमीटर है।
विजय दुबे
बीजेपी2019
आर पी नारायण सिंह
कांग्रेस2009
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान