रायबरेली, उत्तर प्रदेश के लखनऊ डिवीजन का एक शहर है। यह लखनऊ से 80 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में स्थित है। रायबरेली उत्तर प्रदेश राज्य का प्रमुख व्यापारिक केन्द्र है। यहां पर कई प्राचीन इमारतें हैं। जिनमें क़िला, महल और कुछ सुन्दर मस्ज़िदें हैं। यह इंदिरा गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहा है। यहां कई उद्योगों की स्थापना की गई है जिनमें केन्द्र सरकार की इंण्डियन टेलीफ़ोन इण्डस्ट्रीज मुख्य है। बेहता ब्रिज, इंदिरा गार्डन, डलमऊ, समसपुर बर्ड सेंचुरी यहां के प्रमख पर्यटन स्थल हैं। दिल्ली से रायबरेली की दूरी 623.5 किलोमीटर और लखनऊ से 814.4 किलोमीटर है।
श्रीमती सोनिया गांधी
कांग्रेस2019
सोनिया गांधी
कांग्रेस2009
सोनिया गांधी
कांग्रेस2004
कैप्टन सतीश शर्मा
कांग्रेस1999
अशोक सिंह
बीजेपी1998
अशोक सिंह पुत्र देवेन्द्र नाथ सिंह
बीजेपी1996
शीला कौल
कांग्रेस1991
शीला कौल
कांग्रेस1989
अरुण कुमार नेहरू
कांग्रेस1984
इंदिरा गांधी
कांग्रेस1980
राज नारायण
बीएलडी1977
इंदिरा नेहरू गांधी
कांग्रेस1971
आई एन गांधी
कांग्रेस1967
बैजनाथ कुरील
कांग्रेस1962
फ़ीरोज़ गांधी
कांग्रेस1957
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान