छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में रायपुर राज्य मुख्यालय की सीट होने के कारण वीआईपी मानी जाती रही है। बीते छह लोकसभा चुनावों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा के रमेश बैस यहां से लगातार सांसद चुने जा रहे हैं। एक बार कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. विद्याचरण शुक्ल ने बैस को हराया था। रायपुर राज्य की राजधानी है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय में रायपुर में विकास के काफी काम हुए, जिसका फायदा बैस को मिलता रहा और वे जीतते रहे हैं।
डेमोग्राफी और विधानसभा सीटें
यहां की कुल जनसंख्या करीब 25 लाख है। इनमें पिछड़ी जाति साहू-कुर्मी समाज का बाहुल्य है। दोनों क्रमश: 30 और 20 फीसद हैं। रायपुर लोकसभा क्षेत्र के तहत सात विधानसभा सीटें आती हैं। रायपुर दक्षिण सीट पर भाजपा का कब्जा है। यहां से पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल विधायक हैं। रायपुर पश्चिम से कांग्रेस के विकास उपाध्याय विधायक हैं। रायपुर उत्तर से कांग्रेस के कुलदीप जुनेजा, रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस के सत्यनारायण शर्मा, अभनपुर से कांग्रेस के धनेंद्र साहू, आरंग से कांग्रेस के शिव डहरिया और धरसींवा से कांग्रेस की अनीता शर्मा विधायक हैं। रायपुर शहर की चार विधानसभा सीटों में से तीन पर इस बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। धरसीवां में भाजपा प्रत्याशी हारे, आरंग और अभनपुर में भी उन्हें करारी हार मिली।
विकास का हाल
रायपुर से घरेलू विमानन सेवा शुरू हुई थी और लोगों को सुविधा मिलने से बुकिंग भी अच्छी हुई थी, लेकिन अभी यह बंद है। दोबारा टेंडर किया गया है। शहर में शंकर नगर, तेलघानी नाका, कबीर नगर में ओवरब्रिज और अंडरब्रिज का काम जारी है। वहीं, महोबा बाजार, राजेंद्र नगर ब्रिज बनने से यातायात व्यवस्था सुधरी है। रिंगरोड एक की दोनों तरफ आबादी बसी हुई है। यहां सड़क पर यातायात जाम हो रहा था, इसलिए यहां पर तीन फ्लाइओवर बनाए जा रहे हैं। इनका निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। प्रदेश को पहला सरकारी सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल 2018 में मिला, जिसमें न्यूरोलॉजी से लेकर नेफ्रोलॉजी समेत सभी प्रमुख विभाग आंबेडकर अस्पताल से शिफ्ट करवाए गए हैं। यहां मरीजों को सरकारी दरों में इलाज मुहैया करवाया जा रहा है। खारून नदी में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू हो चुका है। यहां 251 करोड़ रुपये की लागत से 17 नालों में तीन एसटीपी लग रहे हैं।
स्थानीय मुद्दे
स्मार्ट सिटी के तहत शहर को राज्य और केंद्र सरकारों ने करोड़ों रुपये दिए, लेकिन आज तक सिर्फ रेनोवेशन के अलावा दूसरा काम नहीं हुआ। जनता जवाब मांगती है, अफसरों पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कारण यह भी है कि निगम और स्मार्ट सिटी के अफसर एक ही हैं। स्कॉय वॉक जिसे मौजूदा भाजपा सांसद रमेश बैस की पार्टी की सरकार ने ही स्वीकृत किया था, आज यह अधूरा पड़ा है। शहर इससे अव्यवस्थित हो गया है। शहर की आबादी गर्मी में प्यासी रहती है, क्योंकि सभी क्षेत्रों में पाइप-लाइन नहीं बिछ सकती है। रायपुर एयरपोर्ट को अंतररष्ट्रीय एयरपोर्ट का दर्जा दिलवाने के लिए यहां पर विमानन कंपनियों को लाने की जरूरत है। अगर टूरिज्म स्पॉट को विकसित किया जाए और उद्योग को बढ़ावा मिले तो संख्या बढ़ेगी। घरेलू विमानन सेवा बंद होने के बाद दोबारा शुरू नहीं हो सकी है।
रायपुर की खास बातें
रायपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र छत्तीसगढ़ के 11 संसदीय क्षेत्रों में से एक है। यह प्रदेश की राजधानी और प्रमुख राजनीतिक केंद्र है। पुराने भवन एवं किलों के अवशेष बताते हैं कि यह क्षेत्र 9वीं सदी से अस्तित्व में है। यह क्षेत्र मौर्य शासनकाल में दक्षिणी कोशल का हिस्सा था। सतवाहन राजाओं ने भी इस हिस्से पर शासन किया। खारुन नदी और महानदी के तट में बसा यह क्षेत्र प्रदेश का सबसे बड़ा शहर है। इस क्षेत्र को धान का कटोरा भी कहा जाता है।
श्री सुनील सोनी
बीजेपी2019
रमेश बैस
बीजेपी2009
रमेश बैस
बीजेपी2004
रमेश बैस
बीजेपी1999
रमेश बैस
बीजेपी1998
रमेश वैश
बीजेपी1996
विद्याचरण शुक्ला
कांग्रेस1991
रमेश बैस
बीजेपी1989
कयूर भूषण
कांग्रेस1984
कयूर भूषण मथुरा प्रसाद
कांग्रेस1980
पुरुषोत्तम लाल कौशिक
बीएलडी1977
विद्याचरण शुक्ला
कांग्रेस1971
एल गुप्ता
कांग्रेस1967
केशर कुमारी देवी
कांग्रेस1962
राजा बीरेंद्र बहादुर सिंह एसटी
कांग्रेस1957
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
अन्य बयान