Lok Sabha Election 2024: 'हम भी कहीं के हैं, क्या यह अहसास कम है', इस खानाबदोश समुदाय के लिए पहली बार बना मतदान केंद्र
Jammu Kashmir Lok Sabha Election 2024 सांबा से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित पापड़ अवतारा में खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लगभग 45 डेरे हैं जो इस समय पहाड़ों की तरफ पलायन की तैयारी में हैं। साल में दो बार इन लोगों को पलायन करना पड़ता है। पहले भी यह लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करते रहे हैं लेकिन इस बार कुछ खास है।
नवीन नवाज, सांबा। 'हम भी कहीं के हैं, यह अहसास हो रहा है। हम भी यहीं के रहें इसलिए वोट डाल रहा हूं, बाकी खुदा की मर्जी जो जीते सो जीते। मैने अपना काम कर दिया।' वोट डालने के बाद अपनी उंगली पर लगी स्याही दिखाते हुए 71 वर्षीय मोहम्मद शफी ने कहा।
खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय से संबधित मोहम्मद शफी अगले चंद दिनों में अपने माल मवेशी संग पीर पंजाल की पहाड़ियों को पार कर दक्षिण कश्मीर चला जाएगा। सर्दियों के आगमन पर वह वापस लौटेगा। जिला मुख्यालय सांबा से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित एक पहाड़ी पर स्थित पापड़ अवतारा में खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के लगभग 45 डेरे हैं, जो इस समय पहाड़ों की तरफ पलायन की तैयारी में हैं।
साल में दो बार इन लोगों को पलायन करना पड़ता है। पहले भी यह लोग अपने मताधिकार का प्रयोग करते रहे हैं, लेकिन इस बार कुछ खास है, क्येांकि इनके लिए पहली बार विशेष रूप से मतदान केंद्र बनाया गया है। पहले इन लोगों को करीब 12 किलोमीटर दूर अपने मताधिकार का प्रयोग करने लिए जाना पड़ता था।
सजाया गया मतदान केन्द्र
मतदान केंद्र को भावपूर्ण तरीके से सजाया गया है। बीएलओ विक्रम सिंह ने कहा कि हमारे इस मतदान केंद्र में 102 मतदाता पंजीकृत हैं। हमने प्रयास किया है कि सभी पात्र मतदाता पंजीकृत हों। मुझे खुशी है कि वह प्रदेश में खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल जनजातीय समूह के लिए पहली बार बनाए गए मतदान केंद्र में चुनाव डयूटी निभा रहा हूं।
बता दें कि जम्मू-रियासी संसदीय क्षेत्र में दूसरे चरण के तहत मतदान में 22 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 17.80 लाख मतदाताओं के हाथ में है। मुख्य मुकाबला भाजपा के जुगल किशोर शर्मा और कांग्रेस के रमन भल्ला के बीच है। जुगल शर्मा तीसरी बार यह सीट जीतने का प्रयास कर रहे हैं।
102 पंजीकृत मतदाता
मोहम्मद शफी ने कहा कि हम तो हैरान हो गए, जब हमें बताया गया कि अब हमारे लिए यहां मतदान केंद्र बनाया गया है। इस पूरे मतदान केंद्र में 102 मतदाता पंजीकृत हैं और सभी खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय से ही हैं। दोपहर 12 बजे तक 53 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे।
मोहम्मद कैफ नामक एक युवा मतदाता ने कहा कि सभी वोट पड़ेंगे, क्योंकि अभी हमारे समुदाय के कई लोग इस समय दूध बेचने निकले हैं या फिर माल-मवेशी को संभाल रह हैं। उसने कहा कि हम लोग हमेशा दूर दराज के इलाकों में, गांवों, जंगलों में रहते हैं। हमारे लिए मतदान केंद्र हमेशा किसी निकटवर्ती गांव या कस्बे में बनाया जाता रहा है, जिसके कारण कई बार हमारे लोग मतदान से वंचित हो जाते रहे हैं। इस बार यहीं पर मतदान केंद्र है तो सब मतदान करेंगे।
ये हैं समुदाय की मांगें
कैफ ने कहा कि यह पहला मतदान केंद्र है, इस तरह के मतदान केंद्र सभी जिलों में या फिर उन जगहों पर जरुर बनाए जाने चाहिए, जहां खानाबदोश गुज्जर-बक्करवाल समुदाय के डेरे हों या फिर उनके जम्मू प्रांत से कश्मीर और कश्मीर से जम्मू की तरफ आने जाने के रास्ते पर कुछ चिह्नित स्थानों पर होने चाहिए।
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उसने कहा, 'मैनें भी पहली बार ही मतदान किया है। उसने कहा कि हमारे समुदाय के जीवन में बीते कुछ वर्ष से व्यापक बदलाव आया है, हमारे समुदाय की विशेषताओं और आवश्यक्ताओं को ध्यान में रखते हुए स्वरोजगार की योजानाएं बनी हैं। ट्राइबल टूरिस्ट विलेज भी बन रहे हैं। इससे प्रभावित होकर ही मैनें मतदान किया है। खैर, शिक्षा का अभाव अभी भी है, इसका प्रचार और प्रसार बढ़ाया जाना चाहिए। हमारे लिए नियमित तौर पर स्वास्थ्य शीविर आयोजित किए जाने चाहिए।'
अब होगा स्थायी पता
मोहम्मद शफी ने कहा, 'हमारे पास कोई स्थायी घर नहीं होता। सरकार ने अब हमारे लिए भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पांच-पांच मरला जमीन निशुल्क प्रदान करने की योजना लागू की है। जो हमारा पक्का पता होगी। हम भी कहीं के होंगे। मेरे लिए यह बहुत बड़ी बात है। मैने ख्वाब में भी नहीं सोचा था।'
पास खड़े गुलाम अली, जोकि 12वीं कक्षा का छात्र है, कठुआ में गुज्जर-बक्करवाल छात्रावास में रहता है, ने कहा कि पहले यहां कुछ राजनीतिक दल यह सोचकर हमारी उपेक्षा करते थे कि हम एक धर्म विशेष के उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। अब ऐसा नहीं हो रहा है।
अगर मैं एमबीबीएस या इंजीनियरिंग या आईएस की कोचिंग लेना चाहता हूं तो वह निशुल्क मिलेगी। वन उपज पर हमारा अधिकार बहाल हुआ है। सभी जानते हैं कि हम जंगलों के रखवाले हैं, लेकिन हमें कुछ लोगों ने लुटेरा साबित करने की कोशिश की थी जो अब नाकाम हो गई है।
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