वाहन चालक सड़कों पर पार्किंग करते हैं, जिसका दुष्परिणाम यातायात जाम और फिर अंतत: वायु प्रदूषण के रूप में सामने आता है

पार्किंग समस्या की गंभीर स्थिति के मद्देनजर दिल्ली में स्टैक पार्किंग तैयार किए जाने की दिशा में कदम बढ़ाया जाना स्वागतयोग्य है। राष्ट्रीय राजधानी में पार्किंग की दिन-प्रतिदिन गहराती समस्या यकीनन चिंता का सबब बन चुकी है। इस कारण वाहन चालक सड़कों पर पार्किंग करते हैं, जिसका दुष्परिणाम यातायात जाम और फिर अंतत: वायु प्रदूषण के रूप में सामने आता है। यह निराशाजनक ही है कि दिल्ली में चांदनी चौक, करोलबाग और सदर बाजार जैसे प्रमुख बाजारों में भी पार्किंग की गंभीर समस्या है। इन बाजारों में सड़क पर अवैध पार्किंग से जाम लगता है। जाम के चलते इन बाजारों में स्थिति इस कदर गंभीर हो जाती है कि आग लगने की घटना हो जाए तो दमकल या एंबुलेंस का इन बाजारों में प्रवेश कर पाना भी आसान नहीं होता है। यह समस्या पार्किंग बनाने के लिए भूमि के अभाव के कारण विकराल रूप लेती जा रही है। ऐसे में स्टैक पार्किंग यकीनन एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। उपराज्यपाल ने सिंगापुर की तर्ज पर राजधानी में स्टैक पार्किंग बनाने के लिए संबंधित सरकारी एजेंसियों से एक्शन प्लान तैयार करने को कहा है, जिसपर तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी जानी चाहिए।
दिल्ली में वाहनों की तेजी से बढ़ती संख्या और पार्किंग स्थलों की कमी के कारण पार्किंग की समस्या होना लाजिमी है। ऐसे में सार्वजनिक परिवहन सेवा यानी मेट्रो व डीटीसी बसों को बढ़ावा देने के साथ ही पार्किंग दरों को काफी बढ़ाने के विकल्पों पर भी विभिन्न स्तरों पर विचार-विमर्श होता रहा है। विगत कुछ माह में मेट्रो का किराया करीब-करीब दोगुना कर दिया गया है, वहीं डीटीसी बसों की गंभीर कमी से जूझ रही है। ऐसे में निजी वाहनों को हतोत्साहित कैसे किया जा सकता है? यदि ऐसा नहीं होता है तो वाहनों को पार्किंग के लिए स्थान उपलब्ध कराना ही होगा और इसके लिए स्टैक पार्किंग बनाने की दिशा में गंभीरता से काम किया जाना चाहिए। संबंधित सरकारी एजेंसियों को उपराज्यपाल के निर्देशों पर तत्परता बरतनी चाहिए और शीघ्र्र एक्शन प्लान तैयार कर उसपर काम कराना चाहिए।

[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]