पंजाब पर प्रकृति ने नेमत बख्शी ही है, यहां धार्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व के भी ऐसे अनेक स्थल हैैं जो पर्यटकों को लुभा सकते हैैं।

पंजाब में जीटी रोड के किनारे स्थित पुरानी, ऐतिहासिक लेकिन बदहाल पड़ी सरायों के दिन बहुरने वाले हैैं। सरकार की यह अच्छी योजना है कि इन सरायों को मैरिज पैलेसों में तबदील कर दिया जाए, इनको विरासती रूप दिया जाए। पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के इस एलान पर अगर वाकई शिद्दत से अमल हुआ तो पंजाब में पर्यटन को एक नया आयाम मिलेगा। ऐसा लगता है कि सिद्धू ने इसका खाका तैयार कर लिया है, ऐसी धरोहरों की पहचान भी कर ली है। हालांकि इस पूरी योजना का खुलासा नई पर्यटन नीति आने के बाद होगा लेकिन इतना तो उन्होंने एलान कर दिया है कि पहले चरण में दोराहा, शंभू व एक अन्य सराय को विकसित किया जाएगा। इससे निश्चित तौर पर लुधियाना, पटियाला व अन्य शहरों में न केवल शादी समारोहों व अन्य आयोजनों के लिए बढिय़ा स्थल उपलब्ध होंगे बल्कि प्रदेश व बाहर से आने वाले लोगों को अपनी पुरातन, अनमोल विरासत को जानने का मौका भी मिलेगा। भारत के कई राज्यों में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पहले से ऐसी योजनाओं पर काम हो रहा है और पुरानी धरोहरों को होटलों, रिजार्ट्स में परिवर्तित कर दोहरा फायदा उठाया जा रहा है। पंजाब में भी अब इस दिशा में संजीदगी से सोचा जाने लगा है तो इसके परिणाम बेहतर ही होंगे, ऐसी उम्मीद की जा सकती है। सच तो यह है कि अभी तक पंजाब में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किसी सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय ही नहीं दिया। पंजाब पर प्रकृति ने नेमत बख्शी ही है, यहां धार्मिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक महत्व के भी ऐसे अनेक स्थल हैैं जो पर्यटकों को लुभा सकते हैैं। अभी यहां देश व विदेश से ज्यादातर पर्यटक गुरुनगरी अमृतसर में श्री हरिमंदिर साहिब में शीश नवाने आते हैैं। साथ ही जलियांवाला बाग और अटारी सीमा पर होने वाली रिट्रीट तक पहुंचते हैैं। कमी यही रही है कि सरकार ने विरासत-ए-खालसा जैसे स्मारक भी बनाए हैैं लेकिन उन तक अपेक्षाकृत कम पर्यटक पहुंचते हैैं। पर्याप्त प्रचार न होने के कारण ऐसा हो रहा है। हरिकेपत्तन जैसे स्थलों को विकसित किए जाने की जरूरत है। केवल दिखावे के लिए काम नहीं होना चाहिए, बल्कि धरातल पर जिनका असर नजर आए ऐसा योजनाएं बननी चाहिएं। पिछली सरकार ने वाटरबस चलाने की शुरुआत की लेकिन वह केवल सियासी स्टंट बनकर रह गई। उम्मीद है कि नई पर्यटन नीति में सरकार सार्थक व ठोस योजनाएं रखेगी ताकि पर्यटन को बढ़ावा मिले और पंजाब के राजस्व में भी बढ़ोतरी हो।

[ स्थानीय संपादकीय: पंजाब ]