महाराष्ट्र में शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भले ही अपने साझा मोर्चे को महा विकास अघाड़ी का नाम देना पसंद किया हो, लेकिन इसमें संदेह है कि यह सरकार विकास के प्रति समर्पित हो सकेगी। शिवसेना नेताओं ने सरकार गठन के पहले ही जिस तरह बुलेट ट्रेन के साथ मेट्रो ट्रेन संबंधी परियोजनाओं पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं उससे यह नहीं लगता कि राज्य का समुचित विकास इस मोर्चे की प्राथमिकता बन पाएगा। वैसे भी महा विकास अघाड़ी के जरिये फिलहाल परिवारवाद की राजनीति का ही विकास होता दिख रहा है।

यह किसी से छिपा नहीं कि शिवसेना ने भाजपा से इसीलिए नाता तोड़ा, क्योंकि उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को मुख्यमंत्री बनाने पर आमादा थे। हालांकि उनका यह सपना पूरा नहीं हो पा रहा है, क्योंकि कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अनुभवहीन आदित्य ठाकरे के नेतृत्व में सरकार का गठन करने इन्कार किया। इसके बावजूद शिवसेना को परिवारवाद की राजनीति को पोषित करने का मौका तो मिल ही रहा है। ऐसा ही मौका शरद पवार को भी मिल रहा है। वह केवल पर्दे के पीछे से सरकार ही नहीं चलाएंगे, बल्कि परिवारवाद को भी पोषित करेंगे। यदि कुछ घंटों के लिए शरद पवार से छिटककर भाजपा से जा मिले अजीत पवार फिर से नेता विधायक दल बनने के साथ उद्धव ठाकरे की सरकार में मंत्री भी बन जाएं तो हैरत नहीं। जो भी हो, अजीत पवार को माफ कर उनकी घर वापसी का जैसा स्वागत हो रहा है उससे यह साफ है कि भाजपा ने एक तो उन पर जरूरत से ज्यादा भरोसा किया और दूसरे, इसकी परवाह नहीं की कि अगर वह अपने वादे पर खरे नहीं उतरे तो क्या होगा?

अजीत पवार की ओर से किया गया यह दावा भाजपा के लिए एक छलावा ही साबित हुआ कि वही राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी हैं। कहां तो वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सभी विधायकों को अपने साथ बता रहे थे और कहां दस विधायक भी उनके साथ खड़े नहीं दिखे। सवाल केवल यह नहीं है कि भाजपा ने उन पर भरोसा क्यों किया, बल्कि यह भी है कि उन पर भरोसा करने की जरूरत ही क्या थी? आखिर भाजपा ने इतनी आसानी से यह कैसे भुला दिया कि अजीत पवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और इन आरोपों का उल्लेख खुद उसके नेताओं की ओर से किया जाता था? इसका कोई मतलब नहीं कि सरकार गंवाने और साथ ही बदनामी मोल लेने के बाद अजीत पवार से समर्थन लेने पर अफसोस जताया जा रहा है। भाजपा को अफसोस करने से ज्यादा अपनी गलतियों पर गंभीरता से गौर करना चाहिए।