अशोभनीय हरकत
रेल प्रशासन को भी अपने कामकाज में सुधार लाने की जरूरत है। ट्रेनें समय पर चलें, इसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।
शाहदरा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के उत्पात को किसी भी सूरत में सही नहीं ठहराया जा सकता है। यह सही है कि ट्रेनें इन दिनों लेट चल रही हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है। इसमें सुधार होनी चाहिए, लेकिन इस आधार पर यात्रियों को उत्पात मचाने, तोडफ़ोड़ कर सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पथराव करने की छूट नहीं मिल सकती है। किसी को भी विरोध जताने का हक है, लेकिन विरोध के नाम पर हिंसा अस्वीकार्य है। बृहस्पतिवार शाम को शामली जाने वाली पैसेंजर ट्रेन लेट थी। जब ट्रेन ज्यादा लेट होने लगी तो उसके इंतजार में शाहदरा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों ने पथराव शुरू कर दिया। रेल यात्रियों को भागकर अपनी जान बचानी पड़ी। वहीं, प्लेटफॉर्म पर रखे बेंच को भी यात्रियों ने उखाड़कर ट्रैक पर फेंक दिया। यदि उस समय कोई ट्रेन वहां पहुंच जाती तो दुर्घटना भी हो सकती थी, लेकन यात्रियों को इसकी परवाह नहीं थी। इसलिए हंगामा करने और इसके लिए अन्य लोगों को उकसाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। रेलवे पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है। निश्चित रूप से ऐसे लोगों को दंड मिलना चाहिए, क्योंकि इनकी हरकत से बड़ा हादसा भी हो सकता था।
रेल प्रशासन को भी अपने कामकाज में सुधार लाने की जरूरत है। ट्रेनें समय पर चलें, इसके लिए हर जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए। इन दिनों कोहरे की वजह से भी ट्रेनें लेट हो रही हैं, लेकिन आम दिनों में भी ट्रेनें समय पर नहीं चलती हैं। इससे यात्रियों को परेशानी होती है। लोकल यात्रियों की दिनचर्या पैसेंजर ट्रेनों पर निर्भर होती है। जब ट्रेन लेट होती है, तो उनकी नाराजगी बढऩे लगती है। इसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है। स्टेशन पर ट्रेन के आने की भी सही जानकारी नहीं दी जाती है। यदि एक बार यात्रियों को उनकी ट्रेन के आने की सही जानकारी मिल जाए तो वह अन्य विकल्प के बारे में भी सोच सकते हैं। इसलिए स्टेशनों पर तथा ऑनलाइन सूचना प्रणाली को बेहतर बनाना होगा।
[ स्थानीय संपादकीय: दिल्ली ]