दीपक कुमार त्यागी। पिछले एक साल से अधिक समय से दुनिया भर के कोरोना विशेषज्ञ भारत के नीति निर्माताओं और स्वास्थ्य तंत्र को निरंतर यह चेतावनी दे रहे हैं कि देश को कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने के लिए बहुत जल्द धरातल पर ठोस कदम उठाते हुए तैयार करना होगा। लेकिन धरातल पर किस तरह की व्यवस्था की गई थी, संक्रमण की दूसरी लहर ने इसकी पोल खोल दी है। अब तीसरी लहर की आशंका और उसके घातक असर से बचाव के लिए देश में जल्द से जल्द कोरोना रोधी टीके की किल्लत को दूर करते हुए उसे लगवाने की प्रक्रिया को सरल बनाना बेहद जरूरी है।

सरकार को देश में टीकाकरण की प्रक्रिया को बेहद तेज व सरल करने के लिए जल्द से जल्द युद्धस्तर पर कारगर रणनीति बनानी होगी। वर्तमान में टीकाकरण की प्रक्रिया बहुत धीमी और जटिल है। टीकाकरण के लिए कोविन प्लेटफार्म के मोबाइल पर एप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए आसानी से शहरी क्षेत्रों में ही ओटीपी नहीं आ पाता है, तो देश के ग्रामीण क्षेत्रों की स्थिति क्या होगी। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया के समय अगर आपका ओटीपी आ भी जाए और आसानी से नाम भी जुड़ भी जाए, तो टीका लगवाने के लिए अपना समय बुक करवाने में लोगों के छक्के छूट जाते हैं। लगातार प्रयास से समय भी मिल जाए तो धरातल पर टीकाकरण केंद्र को ढूंढना बहुत जटिल प्रक्रिया है, क्योंकि वेबसाइट पर अधिकांश टीकाकरण केंद्रों का पूरा पता नहीं दिया गया है।

सबसे बड़ी गंभीर समस्या तो तब शुरू होती है जब कई बार टीकाकरण केंद्र पर भी पहुंचने पर पता चलता है कि यह टीकाकरण केंद्र तो पिछले कई दिनों से खुला ही नहीं है या केंद्र पर टीका उपलब्ध ही नहीं है। सरकार को इस तरह की सभी गंभीर समस्या की तरफ तत्काल ध्यान देना होगा, क्योंकि जो व्यक्ति लॉकडाउन के नियमों का पूर्ण ईमानदारी से घर में रहकर पालन कर रहा था, वो सिस्टम की इस लापरवाही भरी प्रक्रिया में कोरोना वायरस की चपेट में आकर संक्रमित हो सकता है। वैसे अगर सरकार वास्तव में देश को जल्द से जल्द कोरोना से मुक्त करना चाहती है, तो उसको पोलियो बीमारी के टीके की तरह कोरोना के टीकाकरण के कार्यक्रम को सरल व तेज बनाना होगा। हालांकि इसके लिए टीके को सुरक्षित रखने के लिए जरूरत के मुताबिक तापमान व भंडारण की व्यवस्था करना सरकार व निर्माता कंपनियों के सामने एक बहुत बड़ी चुनौती है।

देश की जनता को सुरक्षित करने के लिए विश्व में जितने भी पूर्ण रूप से सुरक्षित कोरोना के टीके बन रहे हैं, भारत सरकार को उनको जल्द से जल्द सरकारी स्तर पर प्रयास करके देश में लाना चाहिए, उनको कम से कम खुले बाजार में तो जनता के लिए उपलब्ध करवाना चाहिए, जिससे जो लोग पैसा देकर कोरोना का कोई भी टीका बाजार से खरीद कर लगवाना चाहते हैं वो निजी अस्पतालों के माध्यम से जल्द टीका लगवा सकें। इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि सरकारी तंत्र पर से टीका खरीदने का भार काफी कम हो जाएगा और देश में बहुत सारे लोगों का समय से टीकाकरण भी हो जाएगा। ध्यान देने योग्य बात यह है कि देश में आजकल राज्य स्तर पर कोरोना के टीके खरीदने के लिए विश्वस्तर पर टेंडर निकाले जा रहे हैं। केंद्र सरकार को राज्यों से सामंजस्य करके इस स्थिति पर लगातार नजर रखनी होगी कि कोरोना का टीका बनाने वाली कोई भी कंपनी राज्यों से अधिक दाम नहीं वसूल सके।

[वरिष्ठ पत्रकार]