लखनऊ महज एक शहर नहीं बल्कि मिजाज है। लखनऊ की हवाओं में स्नेह भरा आमंत्रण है। यहां की फिजा में संगीत की सुमधुर स्वर लहरियां सुनाई देती हैं। यह दुनिया के उन चुनिंदा शहरों में से एक है जो गोमती नदी के दोनों किनारों पर आबाद है। लखनऊ की शाम तो विश्व प्रसिद्ध है। हजरतगंज का एक चक्कर लगा लीजिए, चोला मस्त हो जाएगा। लखनऊ के नवाब जहां अपनी नजाकत, नफासत के साथ ही स्थापत्य के लिए जाने गए वहीं अंग्रेजों ने भी इल्म का परचम फहराने में पूरा जोर लगा दिया। बड़ा इमामबाड़ा, छोटा इमामबड़ा हो या चाहे भूलभुलैया या घंटाघर। नवाबी दौर की तमाम इमारतें अब भी तनकर खड़ी पर्यटकों को आमंत्रण देती दिखती हैं।
बालिका स्कूलों में सेनेटरी नैपकीन एटीएम लगने में कितनी प्रगति हुई है?
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