देशभर में 17वीं लोक सभा के गठन के लिए 11 अप्रैल से 19 मई 2019 के बीच सात चरणों में आम चुनाव कराए जा रहे हैं। इन चुनावों के लिए देश की अधिकांश राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दलों ने अधिकांश संसदीय क्षेत्रों के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इन चुनावों के परिणाम 23 मई को घोषित किए जाएंगे। संसदीय चुनावों के साथ ही चार राज्यों- आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और सिक्किम के विधानसभा चुनाव भी कराए जा रहे हैं। संसद के निचले सदन लोकसभा के सदस्यों की संख्या 545 है। इनमें से 543 सदस्यों का निर्वाचन होता है और भारत के राष्ट्रपति एंग्लो-इंडियन समुदाय से दो सदस्यों को मनोनीत करते हैं। चुनावों के दौरान कुल 17.4 लाख वीवीपीएटी यूनिट्स और 39.6 लाख ईवीएम का उपयोग 10,35,918 मतदान केंद्रों पर होगा। वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) प्रणाली इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को ईवीएम स्लिप जेनरेट करके प्रत्येक वोट को रिकॉर्ड करने में सक्षम बनाती है। देश में 90 करोड़ से अधिक मतदाता हैं। इस तरह यह दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव है। 1.5 करोड़ मतदाता पहली बार मतदान कर रहे हैं। इसके अलावा 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए 71,735 विदेशी मतदाताओं को भी मतदाता सूची में शामिल किया गया है।
उत्तर प्रदेश
घोषित उम्मीदवार
बिहार
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झारखंड
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दिल्ली
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पंजाब
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उत्तराखंड
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हिमाचल प्रदेश
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ओडिशा
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अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह
घोषित उम्मीदवार
आंध्रप्रदेश
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अरुणाचल प्रदेश
घोषित उम्मीदवार
असम
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चंडीगढ़
घोषित उम्मीदवार
दादर और नागर हवेली
घोषित उम्मीदवार
दमन और दीव
घोषित उम्मीदवार
गोवा
घोषित उम्मीदवार
गुजरात
घोषित उम्मीदवार
जम्मू और कश्मीर
घोषित उम्मीदवार
कर्नाटक
घोषित उम्मीदवार
केरल
घोषित उम्मीदवार
लक्षद्वीप
घोषित उम्मीदवार
महाराष्ट्र
घोषित उम्मीदवार
मणिपुर
घोषित उम्मीदवार
मेघालय
घोषित उम्मीदवार
मिजोरम
घोषित उम्मीदवार
नगालैंड
घोषित उम्मीदवार
सिक्किम
घोषित उम्मीदवार
तमिलनाडु
घोषित उम्मीदवार
तेलंगाना
घोषित उम्मीदवार
त्रिपुरा
घोषित उम्मीदवार
पश्चिम बंगाल
घोषित उम्मीदवार
“प्रधानमंत्री की जाति कैसे प्रासंगिक है? उन्होंने कभी जाति की राजनीति नहीं की। उन्होंने केवल विकासात्मक राजनीति की है। वह राष्ट्रवाद से प्रेरित हैं। जो लोग जाति के नाम पर गरीबों को धोखा दे रहे हैं वे सफल नहीं होंगे। ऐसे लोग जाति की राजनीति के नाम पर केवल दौलत बटोरना चाहते हैं। बीएसपी या आरजेडी के प्रमुख परिवारों की तुलना में प्रधानमंत्री की संपत्ति 0.01 फीसद भी नहीं है।„
अन्य बयान“मैं सदैव देशहित, राष्ट्रीय एकता और अखंडता की बात करने वालों के साथ रहा हूं। मैं धार्मिक उन्माद फैलाने वालों के हमेशा खिलाफ रहा हूं। मुझे गर्व है कि मुख्यमंत्री रहते हुए मुझ में सिमी और बजरंग दल दोनों को बैन करने की सिफारिश करने का साहस था। मेरे लिए देश सर्वोपरि है, ओछी राजनीति नहीं।„
अन्य बयान“हमारे किसान हमारी शक्ति और हमारा गौरव हैं। पिछले पांच साल में मोदी जी और भाजपा ने उन्हें बोझ की तरह समझा और व्यवहार किया। भारत का किसान अब जाग रहा है और वह न्याय चाहता है„
अन्य बयान“आज भारत दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है, लेकिन कांग्रेस, डीएमके और उनके महामिलावटी दोस्त इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए वे मुझसे नाराज हैं„
अन्य बयान“जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लालू जी से मिलने उनके और तेजस्वी यादव के आवास पर पांच बार आए थे। नीतीश कुमार ने वापस आने की इच्छा जताई थी और साथ ही कहा था कि तेजस्वी को वो 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं और इसके लिए 2019 के लोकसभा चुनाव में लालू उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार घोषित कर दें।„
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