नई दिल्ली, विनोद बंसल अयोध्या राम मंदिर को लेकर गत पाँच दशकों तक सतत संघर्ष चला। 76 युद्धों में लाखों हिंदुओं ने बलिदान दिया। लगभग 135 वर्षों की कानूनी लड़ाई तथा अनेक राज-सत्ताओं रामभक्तों तथा संतजनों के बलिदान के बाद 9 नवंबर 2019 को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रामलला के पक्ष में आए अभूतपूर्व निर्णय ने विश्व इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ी है।

देश की स्वतंत्रता के उपरांत राम मंदिर के लिए चले आंदोलन के विभिन्न चरणों में शामिल लगभग 16 करोड़ लोगों की सहभागिता ने, इसे विश्व का सबसे बड़ा जन-आंदोलन बना दिया था। न्यायालय के निर्णय के उपरांत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद आंदोलन का दौर समाप्त होकर भव्य मंदिर निर्माण के लिए एक अभियान का दौर प्रारंभ हुआ है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसी प्रकार का धन संग्रह नहीं, बल्कि जन-संग्रह है।

इससे अधिकाधिक लोग भगवान श्री राम की जन्मभूमि पर बनने वाले मंदिर से तथा मंदिर भक्तों से सीधा जुड़ सकेंगे। इससे, वे गर्व से कह सकें कि यह मंदिर हमारा है। तभी तो ये सिर्फ राम मंदिर नहीं, अपितु एक राष्ट्र मंदिर कहलाएगा। यह अभियान ना तो दान का है, ना ही चंदे का, ना उगाही का है और ना ही बसूली का। यह तो भगवान को भक्त के श्रद्धापूर्वक समर्पण का पुनीत अभियान है। 

भगवान श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या में बनने वाले भव्य-दिव्य श्रीराम मंदिर के लिए 15 जनवरी 2021 से एक महा-अभियान का शंखनाद हो चुका है। 27 फरवरी 2021 तक चलने वाले इस 44 दिवसीय श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान के अंतर्गत संपूर्ण भारत के सवा पाँच लाख गांवों के 13 करोड़ परिवारों से व्यक्तिगत संपर्क किया जा रहा है। देश की आधी जनसंख्या अर्थात लगभग 65 करोड देशवासियों तक पहुंचने के लिए विश्व हिंदू परिषद ने समाज के लाखों सेवा-भावी व समर्पित बंधु-भगिनियों तथा संत समाज का सहयोग व आशीर्वाद लेते हुए लगभग 10 लाख टोलियों का गठन किया है।

प्रत्येक टोली में 4 से 5 कार्यकर्ता लगे हैं। इस प्रकार लगभग 40 लाख कार्यकर्ता इस समय सम्पूर्ण भारत में राम-काज में लगे हैं। विधि सम्मत अधिकार देने हेतु न्यास ने एक अधिकार पत्र 15 नवंबर 2020 को जारी करते हुए “राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद तथा समाज के सम-विचारी विश्वसनीय बंधुओं” को इस कार्य हेतु अधिकृत किया।

प्रत्येक टोली में एक निधि प्रमुख (डिपॉजिटर) है। इस निधि प्रमुख को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास द्वारा अधिकृत बैंक कोड दिया गया है। इस कोड के माध्यम से वह अपने आस-पास के समाज से एकत्र समर्पण राशि को सुगमता से अपने निकटतम बैंक में जमा करा रहे हैं।

न्यास ने समाज व समाज-सेवियों की सुगमता की दृष्टि से भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक तथा बैंक ऑफ बड़ौदा की देश-व्यापी सभी शाखाओं में निधि स्वीकार करने की व्यवस्था की है। प्रत्येक निधि प्रमुख को अपनी सुविधानुसार अपने निकट की किसी एक बैंक की किसी एक शाखा को चुन कर उसी में सम्पूर्ण निधि आरंभ से समापन तक जमा करनी है।

समर्पण के माध्यम

श्री राम मंदिर निर्माण निधि समर्पण अभियान हेतु जनता अपना समर्पण दो प्रकार से दे सकती है। एक तो सीधे बैंक से बैंक फंड ट्रांसफर/NEFT/RTGS के द्वारा तथा दूसरा व्यक्तिगत नगदी या चैक द्वारा। पहले केस में व्यक्ति को पैसा स्वयं अपने बैंक खाते से श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के खाते में सीधा जमा करने से पूर्व श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के बैंक विवरण को न्यास की वेबसाइट, फेसबुक व ट्विटर हैंडल से ठीक से मिलान करने के पश्चात ही आगे बढ़ना चाहिए। अच्छा रहे कि समर्पणकर्ता यह कार्य न्यास की वेवसाइट के माध्यम से ही करे। किन्तु, फंड ट्रांसफर करने से पूर्व कृपया उसके बैंक विवरण की ठीक से जांच अवश्य करें।

दूसरे केस में जब निधि नगद, चेक या बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से देनी हो तो उसके लिए विश्व हिंदू परिषद व हिंदू समाज के कार्यकर्ता घर-घर पहुँच रहे हैं। टोलियों में लोगों से दाता की इच्छानुसार समर्पण स्वीकार कर रहे हैं। लेकिन, वह समर्पण किसी भी स्थिति में बिना कूपन या रसीद के नहीं होगा। यह कूपन या रसीद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम से ही उसके लोगो के साथ जारी की हुई है। प्रत्येक दाता समर्पण के उपरांत प्राप्त कर्ता से वह अधिकृत रसीद या कूपन अवश्य ले।

ये कूपन 10, 100 व 1000 रुपये के ही हैं। इससे अधिक की राशि हेतु रसीद है। 20,000 से अधिक की राशि चेक से ही ली जा रही है। प्राप्त समर्पण राशि को निधि प्रमुख द्वारा 48 घण्टे के अंदर न्यास के निकटस्थ बैंक खाते में जमा किया जा रहा है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अलावा कोई अन्य रसीद/कूपन या अन्य किसी भी माध्यम से एक नया पैसा भी नहीं लिया जा रहा है। अभियान के समापन पर सम्पूर्ण देश में हर स्तर पर ऑडिट के माध्यम से एक-एक पैसे का हिसाब किताब बैंक खाते से मिलान कर न्यास को भेजा जाएगा।

शंका समाधान

यदि किसी को कोई शक या संशय हो, कूपन या रसीद की वैधता के संदर्भ में, तो उसका निराकरण श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से सीधा या श्री राम मंदिर निधि समर्पण अभियान समिति के स्थानीय कार्यालय या प्रांत कार्यालय से नि:संकोच संपर्क किया जा सकता है।

जिन खातों में पैसा जमा किया जा रहा है उनमें से धन निकासी का अधिकार किसी को भी नहीं है। वे सिर्फ जमा खाते हैं। इन खातों की कोई चैक बुक भी जारी नहीं हुई जिससे कोई कुछ गड़बड़ी कर सके। न्यास प्रत्येक दिन जमा होने वाली रकम का पूरा ब्योरा रख रहा है। इसके लिए समर्पित लोगों की टोली न्यास कार्यालयों में सतत सक्रिय है।

चैक लेने से पूर्व उसमें लिखे ब्योरे की पूरी जांच निधि प्रमुख द्वारा बारीकी से की जा रही है जिससे उसे पास करने में बैंक को कोई कठिनाई का सामना ना करना पड़े। चैक के पीछे दाता का नाम, पता व मोवाइल नंबर लिखवाया जा रहा है जिससे कि आवश्यकता पड़ने पर निधि प्रमुख या बैंक कर्मचारी उनसे सीधे संपर्क कर सके। यदि किसी व्यक्ति को आयकर अधिनियम की धारा 80G के अंतर्गत छूट का लाभ लेना हो तो वह भी आसानी से उसे प्राप्त रसीद के द्वारा मिल सकेगा। न्यास को आयकर विभाग द्वारा इसके लिए अधिकृत किया जा चुका है।

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