बैंड-बाजे के साथ आखिरी ट्रेन विदा
जागरण संवाददाता, खटीमा : अब कभी वह झुक-झुक करते हुए पटरी पर नहीं दौड़ेगी। 104 साल बाद आज जब वह आखिरी
जागरण संवाददाता, खटीमा : अब कभी वह झुक-झुक करते हुए पटरी पर नहीं दौड़ेगी। 104 साल बाद आज जब वह आखिरी बार ट्रैक से गुजरी तो उसकी कर्कश भरी आवाज से कभी न लौटने का दर्द साफ झलक रहा था। अंग्रेजों के जमाने में बिछाई गई छोटी रेल लाइन आखिरकार 104 साल बाद रिटायर हो गई। बुधवार शाम इस रेलवे ट्रैक से पीलीभीत के लिए आखिरी गाड़ी रवाना हुई। इसे विदाई देने के लिए बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि रेलवे स्टेशन पहुंचे हुए थे। दुर्घटना रहित इस रेलवे ट्रैक पर ब्रॉडगेज के कारण संचालन ठप किया गया है। इसकी वजह से लगभग एक साल तक खटीमा में अब ट्रेन चलती दिखाई नहीं देगी।
टनकपुर-पीलीभीत रेलवे ट्रैक पर बुधवार की शाम से ट्रेनों का संचालन पूरी तरह से बंद हो गया है। 1 मई 1912 को इस रेलवे टै्रक पर रेल सेवा शुरू हुई थी। मौजूदा समय में इस छोटी रेलवे लाइन पर 12 ट्रेनें दौड़ती थीं। जो यात्रियों को पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, हरदोई, कासगंज लखनऊ आदि तक ले जाती थी। इन ट्रेनों में प्रतिदिन 50 हजार यात्री आवागमन करते थे। बड़ी रेल लाइन का निर्माण होने की वजह से छोटी लाइन का वजूद मिटाया जा रहा है। बड़ी रेल लाइन का कार्य एक साल में पूरा होने की संभावना महाप्रबंधक रेलवे राजीव मिश्र ने जताई थी। अंतिम बार टनकपुर से पीलीभीत को जा रही ट्रेन जब स्टेशन पर पहुंची तो बैंड बाजे के साथ उसका स्वागत किया गया। ट्रेन चालक शरीफ अहमद, आरके कुशवाहा, अमर अब्बास जैदी, स्टेशन अधीक्षक पीके श्रीवास्तव को लोगों ने फूलमाला व शाल पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर विधायक पुष्कर सिंह धामी, ब्लाक प्रमुख दान सिंह राणा, ठाकुर महेंद्र सिंह, प्रकाश तिवारी, राजू जुनेजा, महेश जोशी, हिमांशु बिष्ट, गंभीर सिंह धामी, राजेश राणा आदि थे।