सूबे के पहले संस्कृत संस्थान में प्रवेश इसी सत्र से
संवाद सहयोगी, पौड़ी: देवप्रयाग में उत्तराखंड का पहला राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान स्थापित होने जा रहा है
संवाद सहयोगी, पौड़ी: देवप्रयाग में उत्तराखंड का पहला राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान स्थापित होने जा रहा है। इसके निर्माण को शासन ने भूमि भी आवंटित कर दी है। संस्थान परिसर करीब नौ हेक्टेयर भूमि में फैला होगा। वहीं संस्थान में इसी सत्र से प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी।
शासन ने परिसर निर्माण के लिए कुल 9.228 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क पट्टे के रूप में प्रदान की है। संस्थान परिसर निर्माण में सरकार की तत्परता का श्री रघुनाथ कीर्ति महाविद्यालय प्रबंधन व क्षेत्रीय जनता ने स्वागत किया है। शनिवार को श्री रघुनाथ कीर्ति महाविद्यालय के प्रबंधक कृष्णकांत कोटियाल व प्रधानाचार्य डा. शैलेंद्र नारायण कोटियाल ने जिलाधिकारी से मुलाकात की। इस मौके पर केके कोटियाल ने जिलाधिकारी को राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के लिए भूमि आवंटित किए जाने पर आभार जताया। कोटियाल ने बताया कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान का परिसर जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। कोटियाल ने बताया कि परिसर निर्माण के लिए केंद्र सरकार की ओर से 100 करोड़ की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। प्रधानाचार्य डा. शैलेंद्र नारायण कोटियाल ने बताया कि श्री रघुनाथ कीर्ति महाविद्यालय को राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान का परिसर बनाए जाने से पूरे प्रदेश में धर्म, आध्यात्म व ज्योतिष के क्षेत्र में नई क्रांति आएगी। जो युवाओं के लिए रोजगार की नई राहें भी खोलेगा। उन्होंने बताया कि परिसर में इसी शिक्षा सत्र 2016-17 से ही प्रवेश प्रारंभ किए जाएंगे।
इन विषयों में होगा प्रवेश
पौड़ी: श्री रघुनाथ कीर्ति राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान परिसर देवप्रयाग में विभिन्न विषयों में प्रवेश दिया जाएगा। परिसर के नवनियुक्त प्रभारी प्रो. एसएन झा ने बताया कि परिसर में शिक्षा सत्र 2016-17 में साहित्य, व्याकरण, वेद, ज्योतिष व न्याय विषय में प्रवेश दिया जाएगा।
परिसर में 11वीं से आचार्य तक होगी कक्षाएं संचालित
प्रो. एसएन झा ने बताया कि परिसर में बीएड व शोध में प्रवेश प्रक्रिया भी इसी सत्र से प्रारंभ करने का प्रयास किया जाएगा। इसके अलावा प्रो. एसएन झा ने बताया कि परिसर में शिक्षा प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र को छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि कक्षा 11-12 में छह सौ, शास्त्री में आठ सौ और आचार्य में एक हजार रुपए छात्रवृत्ति दी जाएगी।