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उत्‍तराखंड: कांग्रेस का बोया, भाजपा को पड़ेगा काटना

नई सरकार बनने पर बेरोजगार उम्मीदें लगाए हैं। कुल मिलाकर भाजपा के लिए ये संगठन और वादे आफत बनेंगे। तमाम संगठन नए सिरे से आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 12:04 PM (IST)Updated: Sat, 25 Mar 2017 04:05 AM (IST)
उत्‍तराखंड: कांग्रेस का बोया, भाजपा को पड़ेगा काटना
उत्‍तराखंड: कांग्रेस का बोया, भाजपा को पड़ेगा काटना
देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: भाजपा ने प्रदेश में कांग्रेस को करारी शिकस्त देते हुए सत्ता पर कब्जा किया, लेकिन परिणाम जितने खुशनुमा रहे सरकार चलाना उतना सहज नहीं होगा। बीते एक साल में कांग्रेस सरकार और खासतौर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने विभिन्न मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे बेरोजगार संगठनों और कर्मचारी संगठनों से थोक के भाव वादे किए थे। 
अब इन आश्वासनों को पूरा करने का जिम्मा राज्य की भाजपा सरकार पर होगा। इनमें से कुछ मामले अदालत तक पहुंचे हैं, लेकिन कर्मचारी और बेरोजगार फिर भी सरकार से उम्मीदें लगाए हैं। कुल मिलाकर भाजपा के लिए ये संगठन और वादे आफत बनेंगे। तमाम संगठन नए सिरे से आंदोलन शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में राज्य की जनता ने भाजपा पर भरोसा जताया। साफ है कि कांग्रेस सरकार की कार्यशैली और रवैया जनता को नहीं भाया। भाजपा की सुनहरी जीत पर हाईकमान से लेकर कार्यकर्ताओं के बीच जश्न का माहौल है। अब सरकार अस्तित्व में आ चुकी है और शुक्रवार से पहला सत्र शुरू होने जा रहा है। 
यह सत्र भले ही शांति के साथ बीत जाए, लेकिन आने वाले दिनों में भाजपा को कांग्रेस का बोया काटना होगा। बीते सालभर में करीब एक दर्जन संगठन अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे और सरकार को घेरा। इनमें से कुछ की मांगें पूरी हुई तो कुछ अंतिम दिन तक उम्मीद का दामन थामे बैठे रहे।
चुनावी माहौल को देखते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने तमाम वादे किए, लेकिन संगठनों ने इन वादों और कांग्रेस की मंशा पर भरोसा नहीं किया। नतीजा अब सत्ता में भाजपा है। मौजूदा सरकार से तमाम संगठनों को आस है कि उनके मतों का हिसाब सरकार ईमानदारी से करेगी। 
सरकार बनने के बाद संगठनों को पूरा भरोसा है कि मौजूदा सरकार उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय लेगी। लिहाजा, अब भाजपा के सामने तमाम संगठनों की मांगों पर कार्रवाई करने का दबाव भी रहेगा। अगर जल्द सरकार ने ठोस फैसले नहीं लिए तो ये तमाम संगठन फिर से सड़कों पर उतरेंगे और सरकार के लिए आफत बनेंगे। 
आंदोलन शुरू कर मांगों को सरकार के समक्ष रखा जाएगा
प्रशिक्षित योग बेरोजगार महासंघ के  प्रदेश अध्यक्ष राकेश सेमवाल का कहना है कि पूर्ववर्ती सरकार के मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं लेने से संगठन में रोष व्याप्त है। अब नई सरकार बनने के बाद संगठन को मांग पूरी होने की आस दिख रही है। इसी माह से एक बार फिर आंदोलन शुरू कर मांगों को सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
 सरकार के सामने समस्या को रखा जाएगा
शिक्षा आचार्य संगठन के प्रदेश कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट का कहना है कि शिक्षा मित्र में समायोजन को लेकर चार साल से आंदोलन किया जा रहा है। इस दौरान कई बार मंत्रियों व विभागीय अधिकारियों से वार्ता हुई, लेकिन कोई हल नहीं निकला। अब नई सरकार बनने से उम्मीद जगी है। शीघ्र ही वार्ता कर सरकार के सामने समस्या को रखा जाएगा।
मांग पूरी कब होगी इस बारे में अब तक कोई जवाब नहीं मिला
प्रशिक्षित बीपीएड देवेंद्र सिंह का कहना है कि लंबे समय से आंदोलनरत रहने के कारण आर्थिक स्थिति बिगड़ चुकी है। मांग पूरी कब होगी इस बारे में अब तक कोई भी स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया। इस सरकार से उम्मीद है कि मांग पर ठोस और सकारात्मक कार्रवाई होगी।

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