Birth certificates instruction: अब एक वर्ष पुराने जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए एसडीएम का आदेश जरूरी, देर करने पर चुकानी होगी यह कीमत
Varanasi News अब एक वर्ष के उपरांत जन्म-मृत्यु का पंजीकरण कराने पर नगर निगम की टीम इसकी जांच करेंगी। इसके बाद स्वीकृति के लिए जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी। आरसीसीएम पोर्टल पर एसडीएम का आदेश मिलने के बाद ही निगम जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करेंगा। सभी जोनल अधिकारियों से बगैर एसडीएम के आदेश के प्रमाणपत्र न जारी करने का निर्देश दिया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र एक आवश्यक दस्तावेज है। वहीं 21 दिनाें के भीतर जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए कोई शुल्क नहीं होता है। जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र बिल्कुल निश्शुल्क प्रमाणपत्र (NO fees for birth and death certificates) जारी होता है। इसके बावजूद कुछ लोग जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र को लेकर सजग नहीं रहते हैं।
उन्हें सालों बाद जरूरत पड़ने पर प्रमाणपत्र बनवाने की याद आती है। शासन ने इसे गंभीरता से लिया है। हाईकोर्ट के एक आदेश को शासन ने एसडीएम की रिपोर्ट के बाद ही एक वर्ष पुराने जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने का आदेश दिया है। पहले विलंब शुल्क के साथ नगर निगम पुराना जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी कर देता था।
इसे भी पढ़ें-गोरखपुर के इस बड़े अस्पताल में आयुष्मान कार्ड पर शुरू हुआ उपचार, यहां डॉक्टर को दिखाने के लिए लगती है लंबी लाइन
वहीं अब एक वर्ष के उपरांत जन्म-मृत्यु का पंजीकरण कराने पर नगर निगम की टीम इसकी जांच करेंगी। इसके बाद स्वीकृति के लिए जिला मजिस्ट्रेट (एसडीएम) को जांच रिपोर्ट भेजी जाएगी। आरसीसीएम पोर्टल पर एसडीएम का आदेश मिलने के बाद ही निगम जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करेंगा।
इस क्रम में नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने सभी जोनल अधिकारियों से बगैर एसडीएम के आदेश के एक वर्ष के उपरांत पंजीकरण कराने वालों को प्रमाणपत्र न जारी करने का निर्देश दिया है। सभी जोनल अधिकारियों को इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है। नगर आयुक्त ने इसकी सूचना जिलाधिकारी को दी है।
इसे भी पढ़ें- सीबीएसई नहीं जारी करेगा हाईस्कूल व इंटर के टॉपरों की सूची, इस वजह से नियम में किया गया बदलाव
सभी बड़े अस्पताल के पास यूजर आइडी
शहर के सभी सरकारी व निजी अस्पताल के पास नगर निगम की यूजर आइडी उपलब्ध है। ऐसे में अस्पताल में जन्म होने या मृत्यु होने पर अब प्रमाणपत्र निगम का चक्कर नहीं लगाना होगा है। अस्पताल अपने स्तर से ही प्रमाणपत्र जारी कर देता है।
सीआरएस पोर्टल पर आनलाइन करना होगा आवेदन
जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के अनुसार प्रमाणपत्र के लिए 21 दिनों के भीतर सीआरएस पोर्टल पर आनलाइन आवेदन करना होगा है। हालांकि, अस्पतालों के पास यूजर आइडी होने के कारण वह अपने स्तर से ही आनलाइन आवेदन कर देते हैं। वहीं घर पर शिशु का जन्म होने पर 21 दिनों के भीतर पंजीकरण करना होगा।
जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए विलंब शुल्क इस प्रकार है।
- 21 दिन के बाद एक माह के भीतर 12 रुपये विलंब शुल्क
- एक माह बाद एक साल के भीतर 55 रुपये विलंब शुल्क
- एक साल के बाद 60 रुपये विलंब शुल्क, अब एसडीएम का आदेश भी जरूरी