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बसपा प्रत्याशी अशोक पांडेय ने भाजपा सांसद पर लगाया आरोप, जिला निर्वाचन अधिकारी से की शिकायत

UP Politics चुनाव हो और प्रत्याशियों का आरोप प्रत्यारोप न हो ऐसा संभव नहीं। शुक्रवार को बसपा प्रत्याशी अशोक पांडेय की तरफ से इसकी शुरुआत भी हुई है। आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी सांसद साक्षी महाराज और विधायक ने कलेक्ट्रेट में नामांकन के दौरान उन्हें डराया और धमकाया। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगया है।

By amit mishra Edited By: Aysha Sheikh Published: Sat, 27 Apr 2024 02:23 PM (IST)Updated: Sat, 27 Apr 2024 02:23 PM (IST)
बसपा प्रत्याशी अशोक पांडेय ने भाजपा सांसद पर लगाया आरोप, जिला निर्वाचन अधिकारी से की शिकायत

जागरण संवाददाता, उन्नाव। चुनाव हो और प्रत्याशियों का आरोप प्रत्यारोप न हो, ऐसा संभव नहीं। शुक्रवार को बसपा प्रत्याशी अशोक पांडेय की तरफ से इसकी शुरुआत भी हुई है। आरोप लगाया कि भाजपा प्रत्याशी सांसद साक्षी महाराज और विधायक ने कलेक्ट्रेट में नामांकन के दौरान उन्हें डराया और धमकाया। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाते हुए जिला निर्वाचन अधिकारी डीएम गौरांग राठी से इसकी शिकायत की है। जिसके बाद डीएम ने एडीएम न्यायिक को जांच के आदेश दिए हैं।

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बसपा प्रत्याशी अशोक पांडेय ने मीडिया से बातचीत करते हुए गुरुवार को नामांकन के दौरान कलेक्ट्रेट स्थित नामांकन कक्ष में भाजपा प्रत्याशी सांसद साक्षी महाराज के अलावा छह विधायक और दो एमएलसी समेत दर्जनों लोगों के मौजूद रहने की बात कहते हुए आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि जहां पांच लोगों की मौजूदगी नहीं हो सकती है, वहां इतने लोगों की अधिकारी आवभगत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सांसद ने विधायक अनिल सिंह की ओर इशारा करते हुए मुझे डराते हुए कहा कि ब्राह्मण देवता (मुझे) बांधकर रखो, तभी जीत पाओगे। विधायक अनिल सिंह ने कहा कि देख लूंगा, समय आने पर उनको मैं ढंग से झरिया दूंगा। विधायक अनिल सिंह ने धमकाने के लहजे में कहा कि सांसद ने अपने आश्रम में पांच-पांच भूत बांध रखे हैं, जो ब्राह्मणों के लिए काफी हैं।

नामांकन निरस्त करने के दबाव का लगाया आरोप

कहा कि मेरा नामांकन निरस्त करने का पूरा दबाव था। डीएम गौरांग राठी ने कहा कि बसपा प्रत्याशी की शिकायत पर एडीएम न्यायिक/प्रभारी एमसीसी को जांच अधिकारी नामित किया गया। साथ ही निर्देशित किया गया कि प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्यों की जांच आख्या 27 अप्रैल 2024 को अपराह्न एक बजे तक उपलब्ध कराये। जांच में यदि दोष सिद्ध होता है तो संबंधित की जिम्मेदारी निर्धारित की जाएगी।


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