UP News: हाई सिक्योरिटी बैरक बनाने को दो करोड़ 40 लाख की डिमांड, यूपी की इस जेल में बंद हैं कई नक्सली कमांडर
जिला कारागार में हाई सिक्योरिटी बैरक नहीं बन सका। अब इसके निर्माण के लिए लोकसभा चुनाव के खत्म होने का इंतजार करना होगा। इस बैरक के निर्माण के लिए शासन ने एक करोड़ 60 लाख रुपये स्वीकृत किया था लेकिन कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने इसे कम बताते हुए पुनरीक्षित बजट तैयार किया। अब कार्यदायी संस्था ने दो करोड़ 40 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है।
संवाद सहयोगी, सोनभद्र। जिला कारागार में हाई सिक्योरिटी बैरक नहीं बन सका। अब इसके निर्माण के लिए लोकसभा चुनाव के खत्म होने का इंतजार करना होगा। इस बैरक के निर्माण के लिए शासन ने एक करोड़ 60 लाख रुपये स्वीकृत किया था, लेकिन कार्यदायी संस्था यूपीपीसीएल ने इसे कम बताते हुए पुनरीक्षित बजट तैयार किया। अब कार्यदायी संस्था ने दो करोड़ 40 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है, लेकिन शासन को अब चुनाव के खत्म होने का इंतजार करना होगा।
गुरमा क्षेत्र में कभी संपूर्णानंद खुला बंदी शिविर संचालित होता था। वर्ष 2016 में इसी शिविर में जिला कारागार का संचालन शुरू हुआ। इसके पूर्व बंदियों, कैदियों को मीरजापुर जिला कारागार भेजा जाता था। 2016 में जिला कारागार बनने के बाद से यहां तमाम कुख्यात नक्सली कमांडर, हाई प्रोफाइल अपराधी यहां बंद किया जाते रहे, लेकिन अभी तक ऐसे बंदियों के लिए हाई सिक्योरिटी बैरक का निर्माण नहीं किया गया था ताकि उनकी गतिविधियों पर विशेष तौर पर नजर रखी जा सके।
अब शासन ने हाईप्रोफाइल अपराधियों के लिए 12 सेल वाला हाई सिक्योरिटी बैरक बनाने का निर्णय लिया है। निर्माण के बाद प्रत्येक बैरक में सीसीटीवी कैमरा लगेगा। एक-एक सिपाही तैनात होंगे। उसमें आने जाने वालों पर 24 घंटे नजर रखी जाएगी।
जेल में वर्तमान में हैं 1,030 बंदी व कैदी
जनपद के जिला कारागार वर्तमान में 1,030 बंदी व कैदी हैं। जबकि जेल में बंदियों, कैदियों की क्षमता महज 550 की है। इस तरह लगभग दो गुना कैदी, बंदी यहां निरूद्ध हैं। पहले सोनभद्र का जिला कारागार मीरजापुर में था। ऐसे में यहां के बंदियों को वहां भेजा जाता था लेकिन करीब एक दशक से जेल चालू होने से बंदियों, कैदियों को जिले के ही जेल में रखा जाता है।
जिला कारागार में हाईसिक्योरिटी बैरक के निर्माण के लिए पुनरीक्षित बजट कार्यदायी संस्था ने शासन को भेजा है। अब चुनाव के बाद ही इस पर कोई कार्य हो सकेगा।
- सौरव कुमार श्रीवास्तव, वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जिला कारागार, सोनभद्र।
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