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Sitapur Lok Sabha Seat: मैदान में इस बार आमने सामने होंगे पुराने साथी, राजेश-राकेश ने BSP से की थी सियासी पारी की शुरुआत

सीतापुर संसदीय क्षेत्र का इस बार कुछ कुछ ऐसा ही है जहां चुनाव मैदान में उतरे तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी पुराने साथी हैं। भाजपा ने वर्तमान सांसद राजेश वर्मा कांग्रेस ने पूर्व विधायक राकेश राठौर और बसपा ने पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। वर्ष 2019 के चुनाव में ये तीनों भाजपा में थे।

By Jagran News Edited By: Vinay Saxena Published: Mon, 22 Apr 2024 08:22 AM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2024 08:22 AM (IST)
भाजपा से वर्तमान सांसद राजेश वर्मा, कांग्रेस से राकेश राठौर और बसपा से पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव प्रत्याशी।

जगदीप शुक्ल, सीतापुर। राजनीति अनिश्चितताओं का खेल है। सीतापुर संसदीय क्षेत्र का इस बार कुछ कुछ ऐसा ही है, जहां चुनाव मैदान में उतरे तीन प्रमुख दलों के प्रत्याशी पुराने साथी हैं। भाजपा ने वर्तमान सांसद राजेश वर्मा, कांग्रेस ने पूर्व विधायक राकेश राठौर और बसपा ने पूर्व विधायक महेंद्र सिंह यादव को चुनाव मैदान में उतारा है। वर्ष 2019 के चुनाव में ये तीनों भाजपा में थे। राजेश वर्मा और राकेश राठौर तो बसपा में रहने के बाद 2013 में एक साथ भाजपा में शामिल हुए थे।

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राजेश-राकेश ने बसपा से की थी सियासी पारी की शुरुआत

भाजपा प्रत्याशी राजेश वर्मा ने वर्ष 1996 में बेहटा विधानसभा क्षेत्र से बसपा प्रत्याशी के रूप में अपने राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी, जिसमें उन्हें हार मिली थी। 1999 व 2004 में बसपा से सांसद चुने गए। वर्ष 2009 में धौरहरा में कांग्रेस प्रत्याशी से शिकस्त मिलने के बाद उन्होंने अलग राह चुनने का फैसला किया और 2013 में भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद 2014 व 2019 में भाजपा से सांसद चुने गए।

पार्टी ने हैट्रिक लगाने के लिए उन्हें चुनाव मैदान में उतारा है। राजेश की तरह राकेश राठौर ने भी बसपा से शुरुआत की। 2007 में वह सीतापुर से पार्टी से चुनाव लड़े जिसमें सपा प्रत्याशी राधेश्याम जायसवाल से उन्हें हार मिली। इसके बाद 2013 में राजेश वर्मा के साथ वह भी भाजपाई हो गए। वर्ष 2017 में भाजपा ने उन्हें सीतापुर से चुनाव मैदान में उतारा, जिसमें उन्हें जीत मिली।

2022 में टिकट न मिलने पर वह सपा से जुड़ गए और नगर पालिका चुनाव में सिंबल न मिलने पर बगावत कर अपनी पत्नी नीलकमल को निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़वाया और 12 हजार से अधिक मत हासिल किए। इसके बाद कांग्रेस में शामिल हुए और प्रदेश महासचिव बनाए गए। प्रत्याशी बनाए गए पूर्व मंत्री नकुल दुबे का टिकट काटने के बाद कांग्रेस ने इन्हें चुनाव मैदान में उतारा है।

भाजपा से टिकट न मिलने पर बसपाई हुए महेंद्र

बसपा प्रत्याशी महेंद्र सिंह यादव ने वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में बिसवां से किस्मत आजमाई थी, जिसमें वह सफल भी रहे थे। वर्ष 2022 में उन्होंने पुन: दावेदारी की, लेकिन एक वीडियो प्रसारित हो जाने के बाद पार्टी ने उनको दोबारा मौका नहीं दिया। वर्ष 2024 यानी इस चुनाव में भी उन्होंने भाजपा से दावेदारी की थी, लेकिन प्रत्याशी राजेश वर्मा बना दिए गए। इसके बाद महेंद्र ने पाला बदलकर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी की। बसपा ने उनको पार्टी में लेने के साथ ही सीतापुर से प्रत्याशी भी घोषित कर दिया है।

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