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सहारनपुर के शब्बीरपुर की घटना पक्षपात की वजह से हुई : मायावती

मायावती की मौजूदगी में दलितों ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इनके बीच ही बसपा मुखिया मायावती ने शब्बीरपुर में जले हुए घरों को देखा।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 04:14 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 04:47 PM (IST)
सहारनपुर के शब्बीरपुर की घटना पक्षपात की वजह से हुई : मायावती
सहारनपुर के शब्बीरपुर की घटना पक्षपात की वजह से हुई : मायावती

सहारनपुर (जेएनएन)।बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कहा कि सहारनपुर में हुई घटना दर्दनाक है। शब्बीरपुर में दलितों को सम्बोधित करते हुए मायावती ने कहा कि सहारनपुर की घटना पक्षपात की वजह से हुई है।

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मायावती ने कहा कि सहारनपुर में हुई घटना दर्दनाक है। भाजपा की जातिवादी सरकार है। यह सरकार पक्षपात कर रही है। सहारनपुर की घटना पक्षपात की वजह से हुई है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि बीजेपी सरकार समाज को तोड़ने का नही जोड़ने का काम करे।

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती आज निर्धारित समय से ढाई घंटा विलंब से सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव पहुंचीं। मायावती के पहुंचते ही वहां पर जिला तथा पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी होने लगी। मायावती की मौजूदगी में दलितों ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इनके बीच ही बसपा मुखिया मायावती ने शब्बीरपुर में जले हुए घरों को देखा। इन घरों को राजपूतों ने जलाया था और दलितों से मारपीट की थी।

बसपा सुप्रीमो मायावती ने जिनके घर जले उनको 50 हजार रुपये और जिनके घर में कम नुकसान हुआ उनको 25 हजार रुपये देने की मंच से घोषणा की। मायावती ने शब्बीरपुर गाँव में हुई घटना पर की पार्टी फंड से की मुआवजे की घोषणा।

देखें तस्वीरें : सहारनपुर में मायावती के स्वागत की जोरदार तैयारी

सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव का माहौल काफी तनावपूर्ण बना है। यहां के दलितों में सरकार के खिलाफ गुस्सा।

इससे पहले मुजफ्फरनगर पहुंचने पर मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार दलितों की रक्षा करने में विफल है। जिला तथा पुलिस प्रशासन पक्षपात कर रहा है। सरकार की शह पर यहां जिला व पुलिस प्रशासन दलित विरोधी काम कर रहा है। 

इससे पहले बसपा अध्यक्ष मायावती आज नई दिल्ली से सड़क मार्ग से सहारनपुर के गांव शब्बीरपुर पहुंचीं। उनका गाजियाबाद के साथ ही मेरठ तथा मुजफ्फरनगर में एक दर्जन से अधिक स्थान पर स्वागत किया गया। बसपा अध्यक्ष मायावती ने प्रात : 9:15 बजे कार से नई दिल्ली से शब्बीरपुर के लिए प्रस्थान किया। उनको दिन में करीब एक बजे शब्बीरपुर गांव में आना था, लेकिन वह 3:30 बजे वहां पर पहुंचीं। पुलिस व जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम को लेकर अपने स्तर से तैयारियां की थी। विभिन्न दल भी इस कार्यक्रम पर नजर रखे थे। 

सियासी पारा हाई

मायावती के आगमन को लेकर राजनीतिक सहारनपुर में गहमा-गहमी काफी बढ़ गई। पांच मई को बडग़ांव थाना क्षेत्र के गांव शब्बीरपुर में बिना अनुमति जुलूस निकाले जाने को लेकर ठाकुरों व दलितों में पथराव, फायरिंग, आगजनी आदि घटनाएं हुई। ठाकुर पक्ष से सुमित की मौत हो गई जबकि दोनों पक्षों से डेढ़ दर्जन घायल हुए। 55 दलितोंं के घरों में आगजनी हुई और धार्मिक स्थल में भी तोडफ़ोड़ की गई। स्थानीय लोगों को आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में भी यह सबकुछ हुआ।

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पीडि़तों को न्याय दिलाने के लिए नौ मई को सहारनपुर में महापंचायत को अनुमति नही मिली तो इस दिन आठ स्थानों पर पुलिस व दलितों में टकराव हुआ। फायरिंग, आगजनी, पथराव आदि घटनाएं हुई। मजिस्ट्रेट व सीओ के साथ मारपीट हुई और दो दर्जन वाहनों में आग लगा दी गई। पुलिस चौकी राम नगर व महाराणा प्रताप भवन में आगजनी की गई।  इन घटनाओं के बाद पुलिस प्रशासन ने राजनैतिक दलों के घटना स्थल पर जाने पर रोक लगा दी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर व रालोद महासचिव जयंत चौधरी को प्रशासन ने शब्बीरपुर जाने से नहीं रोका। 

35 वर्ष पहले मायावती आई थी शब्बीरपुर 

बसपा अध्यक्ष मायावती करीब 35 वर्ष पहले गांव शब्बीरपुर में आई थी। इसी गांव में दलितों को जोडऩे के लिए दिले सिंह व महेंद्र सिंह के साथ उन दिनों मायावती ने दिन-रात साइकिल पर घूम-घूम कर संघर्ष किया था। बाद में महेंद्र सिंह 1995 में पार्टी छोड़कर राज बहादुर गुट में चले गए लेकिन दिले सिंह अंतिम सांस तक बसपा में ही डटे रहे।

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सत्ता में रहते हुए मायावती शब्बीरपुर कभी नहीं आई, इस बात की टीस जरूर यहां के दलितों के मन में है, मगर उनके आने की खबर हौंसला जरूर मजबूत नजर आ रहा हैं।


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