टनकपुर रेलखंड पर काम ने पकड़ी रफ्तार
पीलीभीत : पीलीभीत-टनकपुर रेलखंड पर ब्रॉडगेज के काम की रफ्तार तेज हो गई है। रेलखंड पर नई पटरियों को ब
पीलीभीत : पीलीभीत-टनकपुर रेलखंड पर ब्रॉडगेज के काम की रफ्तार तेज हो गई है। रेलखंड पर नई पटरियों को बदलने का काम किया जा रहा है। न्यूरिया रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म व भवन निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस रेल खंड पर जल्द ही बड़ी रेल लाइन की गाड़ियों का संचालन शुरू हो सकेगा।
वर्तमान में पीलीभीत-टनकपुर रेल खंड पर मेगा ब्लॉक लेकर ब्रॉडगेज का काम किया जा रहा है। पीलीभीत से टनकपुर तक बड़ी रेल लाइन को डालने का काम तेजी से किया जा रहा है जहां पुरानी पटरी पड़ी है वहां पर नई पटरियां डाली जा रही हैं। रेल लाइन के किनारे-किनारे नई पटरियों को गिरा दिया गया है, जिससे पटरियों को आसानी से बदला जा सकेगा। अगर काम की रफ्तार सही रही तो मार्च से पहले ट्रेन का संचालन शुरू होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। पीलीभीत-टनकपुर रेलखंड की लंबाई 62.75 किलोमीटर है, जो वर्ष 2007-08 में स्वीकृत किया गया था। रेल खंड पर न्यूरिया, मझोला पकड़िया, खटीमा, बनवसा व टनकपुर स्टेशन पड़ते हैं। वर्तमान में न्यूरिया रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म निर्माण का कार्य किया जा रहा है। प्लेटफार्म की फर्श डालने का काम हो रहा है। स्टेशन पर भवन निर्माण काम किया जा रहा है। प्लेटफार्म नंबर एक से दो पर जाने के लिए फुट ओवरब्रिज की सुविधा दी जाएगी। फुट ओवरब्रिज के लिए सीमेंटेड पिलर तैयार हो चुके हैं। स्टेशन पर तीन बड़ी रेल लाइन की सुविधा दी गई है। कई अन्य रेल लाइनों को बिछाने का कार्य किया जा रहा है। इन सभी कामों को काफी वरीयता से कराया जा रहा है। आने वाले समय में क्षेत्रीय लोगों को आवागमन में आसानी हो जाएगी। इस तरह स्टेशन पर ब्रॉडगेज ने निर्माण कार्य में रफ्तार पकड़ ली है।
टाइगर रिजर्व के लिए महत्वपूर्ण है स्टेशन
आने वाले समय में न्यूरिया हुसैनपुर रेलवे स्टेशन का महत्व बढ़ जाएगा। टनकपुर से पीलीभीत होते हुए लंबे रूट की ट्रेनों का आवागमन होगा। इन ट्रेनों से टाइगर रिजर्व के जंगल का सैर सपाटा करने के लिए टूरिस्टों का आवागमन होगा। टूरिस्ट जिला मुख्यालय न उतरकर न्यूरिया रेलवे स्टेशन पर उतरेंगे, जहां पर टाइगर रिजर्व के महोफ गेट नंबर एक की दूरी सिर्फ पांच किलोमीटर की है।
मार्च में शुरू हो जाता है मां पूर्णागिरि का मेला
पीलीभीत-टनकपुर रेल खंड पर निर्माण कार्य तेज गति से किया जा रहा है, क्योंकि मार्च महीने में मां पूर्णागिरि का मेला शुरू हो जाता है। इस मेला में देशभर के अलग-अलग राज्यों से श्रद्धालु मां के दरबार पहुंचते है, जो ट्रेन के माध्यम से टनकपुर तक पहुंचते हैं, इसके आगे की यात्रा पैदल अथवा जीप से तय की जाती है।