जीएम के जाने के बाद ब्रॉडगेज काम में आई तेजी
पीलीभीत : पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक के जाने के बाद भोजीपुरा-पीलीभीत ट्रैक पर ब्राडगेज के काम मे
पीलीभीत : पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक के जाने के बाद भोजीपुरा-पीलीभीत ट्रैक पर ब्राडगेज के काम में तेजी आ गई। देवहा नदी पर बनाया जा रहा लोहे का पुल तकरीबन बनकर तैयार हो गया है। पीलीभीत जंक्शन स्टेशन के प्लेटफार्म को पक्का बनाया जा रहा है, जो कुछ दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। वहीं शाही स्टेशन पर भवन बनकर तैयार हो चुका है। शहर से सटे ईदगाह रेलवे क्रा¨सग के पास ट्रैक बनाने के लिए सीमेंटेड दीवार का निर्माण हो रहा है, जिसका कुछ हिस्सा ही बनने को रह गया है। रेलवे क्रा¨सग के पास ही देवहा नदी पर लोहे का कवर्ड पुल बनवाया जा रहा है, जो कुछ ही दिन में बनकर तैयार हो जाएगा। भोजीपुरा ट्रैक पर खमरिया नहर पर पुल बन चुका है, जिसको मजबूती दी जा रही है। जहानाबाद मोड़ पर केबिन मैन बैठने के लिए कमरा बनाया जा रहा है। पीलीभीत स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर दो को पक्का करने का काम युद्ध स्तर पर किया जा रहा है। एक तरफ से जेसीबी मशीन ट्रैक की खुदाई कर रही है, तो दूसरी ओर ट्रैक को पक्का करने का कार्य किया जा रहा है। प्लेटफार्म नंबर दो का ट्रैक का कार्य जल्द ही पूरा हो जाएगा। ऐसे में कहा जा सकता है कि जीएम के जाने के बाद ब्राडगेज के कार्य ने रफ्तार पकड़ी है।
बसों में बढ़ी यात्रियों की भीड़
रम्पुरा मिश्र (पीलीभीत): रिछा-बहेड़ी-पीलीभीत मार्ग पर संचालित होने वाली निजी बस मालिकों पर लक्ष्मी की मेहरबानी हो गई है। इसीलिए इस रोड पर चलने वाली बसों में नीचे से लेकर ऊपर तक सवारियों की भरमार है। इस मार्ग पर लगभग तीन दर्जन निजी बसें संचालित होती हैं। जो रोजाना पांच से छह हजार सवारियां इधर से उधर पहुंचाती थीं, ¨कतु रेल द्वारा पीलीभीत से भोजीपुरा होते हुए जाने वाली सवारी रेल के बंद होने से जहानाबाद-रिछा होते हुए बहेड़ी पहुंच रही है। ऐसे में यात्रियों की संख्या बढ़कर दस से पंद्रह हजार प्रतिदिन हो गई है। चूंकि इस मार्ग पर रोडवेज की दो बसें सुबह-शाम चलती हैं। बाकी निजी बसों से आवागमन होता है। एक तो रोडवेज बसों की संख्या कम व किराया अधिक होने के कारण यात्री सफर नहीं करता। वहीं निजी बसें हर पच्चीस मिनट में अपनी सेवा दे रही हैं। इसीलिए सवारियां निजी बसों से यात्रा करना मुफीद समझती हैं, ¨कतु खस्ताहाल निजी बसें जगह-जगह खराब होकर खड़ी हो जाती हैं। ऐसे में सवारियों को परेशानी होती है। चूंकि बहेड़ी, रिछा, हल्द्वानी, रुद्रपुर, लालकुआं तक सफर करने के लिए रिछा, जहानाबाद मार्ग कम दूरी व कम किराए के कारण ज्यादा सुलभ है।
क्रेन के सामने खड़े होकर युवा ले रहे हैं सेल्फी
पीलीभीत : इज्जतनगर यंत्रालय में वर्ष 1973 में मीटर गेज की क्रेन का निर्माण किया गया, जो पीलीभीत रेलवे स्टेशन पर रखी गई। पहले क्रेन को ओंकारा नाम दिया गया, जो बाद में मीटर गेज स्टीम क्रेन रख दिया गया। चार मार्च को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव मिश्र ने क्रेन का उदघाटन कर जनता को समर्पित किया था। स्टीम क्रेन को रंग-बिरंगी एलईडी बल्ब से सजाई गई, जो रात के समय अपनी ओर आकर्षित करती है। युवक-युवतियां क्रेन के सामने खड़े होकर सेल्फी लेते हुए देखे जा सकते हैं। रात के समय में सेल्फी लेने वालों की भीड़भाड़ लगी रहती है।