Life Imprisonment : प्रवीन हत्याकांड में युवक को आजीवन कारावास, साढ़े 5 साल पहले हुई थी वारदात
Life Imprisonment गांव के ही बंटी उर्फ रौदास ने उसे पुलिया के पास रोक लिया और अपने भाई के बारे में पूछताछ करने लगा। जब प्रवीन ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया तो बंटी ने उसके साथ गाली गलौज की। प्रवीन ने इसका विरोध किया तो बंटी ने उसके सीने में गोली मार दी।
जागरण संवाददाता, चंदौसी: करीब साढ़े पांच साल पहले बनियाठेर थाना क्षेत्र के ग्राम बनियाखेड़ा की मढैया में हुई युवक की हत्या के मामले में सत्र न्यायाशीश ने साक्ष्यों और अधिवक्ताओं की दलीलों के आधार पर आरोपित को बीते शनिवार को दोषी करार दिया था और उसकी सजा पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को दोषी युवक बंटी को हत्या करने में आजीवन कारावास एवं 20 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड की धनराशि जमा न करने पर अतिरिक्त कारावास भोगना होगा।
जिला शासकीय अधिवक्ता राहुल दीक्षित ने बताया कि ग्राम बनियाखेड़ा की मढैया निवासी करनपाल की ओर से थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी कि दस नवंबर 2018 को उसका बेटा प्रवीन अपने फूफा मोहनलाल के साथ बाइक पर गांव लौट रहा था।
गांव के ही बंटी उर्फ रौदास ने उसे पुलिया के पास रोक लिया और अपने भाई के बारे में पूछताछ करने लगा। जब प्रवीन ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इनकार कर दिया तो बंटी ने उसके साथ गाली गलौज की। प्रवीन ने इसका विरोध किया तो बंटी ने उसके सीने में गोली मार दी। गोली लगते ही प्रवीन जमीन पर गिर पड़ा। यह देख उसके फूफा मोहनलाल मौके से अपनी जान बचाकर भाग निकले।
घटना की जानकारी होने पर स्वजन भी मौके पर पहुंच गए। लहूलुहान हालत में प्रवीन को सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद घटना की जांच की और बनियाखेड़ा की मढैया निवासी बंटी उर्फ रौदास को गांव के पास से 14 नवंबर को एक तमंचा व कारतूस समेत गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। यहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने बंटी के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल कर दिया।
युवक प्रवीन की हत्या का मुकदमा सत्र न्यायाधीश कमलेश कच्छल की अदालत में चलाया गया। विद्वान न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन किया। गवाहों के बयान और बचाव पक्ष के अधिवक्ता एवं जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राहुल दीक्षित की दलीलों को सुनने के बाद बंटी उर्फ रौदास को दोषी करार देते हुए शनिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सोमवार को दोपहर बाद अदालत ने दोषी बंटी को आजीवन कारावास व बीस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने अपने आदेश में यह भी लिखा है कि जुर्माने की धनराशि जमा न करने की स्थिति में अतिरिक्त कारावास भोगना पड़ेगा।