Mirzapur News: मीरजापुर में तहसीलदार के पेशकार ने जहर खाकर दी जान, सरकारी आवास में इस हाल में मिला शव
मड़िहान तहसील से फाइल गायब होने के बाद उन पर दबाव बनाया जा रहा था। इसकी वजह से वो परेशान थे। 18 अप्रैल को राजस्व परिषद के अध्यक्ष डा. रजनीश दुबे ने मड़िहान तहसील का निरीक्षण किया। इस दौरान जमीन विवाद से जुड़ीं छह फाइलें नहीं मिलीं। दफ्तर में गंदगी और फाइलों के अपडेट नहीं होने पर भी डा. रजनीश दुबे ने नाराजगी जताई थी।
जागरण संवाददाता, मीरजापुर। मड़िहान तहसील के तहसीलदार के पेशकार रामसहाय सिंह (58) ने बुधवार को सरकारी आवास में सल्फास खा लिया। गंभीर हालत में उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां से उनको मंडलीय चिकित्सालय रेफर कर दिया गया, जहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई।
स्वजन का आरोप है कि मड़िहान तहसील से फाइल गायब होने के बाद उन पर दबाव बनाया जा रहा था। इसकी वजह से वो परेशान थे। 18 अप्रैल को राजस्व परिषद के अध्यक्ष डा. रजनीश दुबे ने मड़िहान तहसील का निरीक्षण किया। इस दौरान जमीन विवाद से जुड़ीं छह फाइलें नहीं मिलीं।
इसे भी पढ़ें- शेयर बाजार में बढ़ रहे निवेशक, शीर्ष 10 में शामिल हुआ यूपी का यह शहर
दफ्तर में गंदगी और फाइलों के अपडेट नहीं होने पर भी डा. रजनीश दुबे ने नाराजगी जताई थी। चर्चा है कि सीसीटीवी में रामसहाय फाइलें ले जाते दिखे थे। अगले दिन एसडीएम युगांतर त्रिपाठी ने सुबह 10:30 से 1:30 बजे तक तहसील के 13 कर्मचारियों को तीन घंटे तक खड़ा कराकर दंडित भी किया था। बाद में पांच फाइलें तो मिलीं, लेकिन कई बीघे जमीन पर अवैध कब्जे की पांच वर्ष पुरानी निकरिका गांव की मिश्रीलाल बनाम सरकार की फाइल अभी तक नहीं मिली।
इसे भी पढ़ें-दिल्ली और अन्य रूटों पर चलेंगी आठ समर स्पेशल, मार्ग बदलकर चलेंगी दो एक्सप्रेस ट्रेनें
एसडीएम के पेशकार सुशील गुप्ता की ओर से फाइल गायब करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को मड़िहान थाने में रामसहाय के खिलाफ तहरीर दी गई थी। हालांकि इंस्पेक्टर प्रदीप सिंह का कहना है कि इस मामले में कोई तहरीर नहीं मिली है।
बुधवार की सुबह रामसहाय को मड़िहान तहसील के तहसीलदार संजीव कुमार यादव ने अपने कमरे में बुलाया था। वहां से लौटने के बाद रामसहाय बाजार गए और दुकान से सल्फास की गोलियां खरीदीं और तीन गोलियां खाकर घर पहुंचे। वहां उल्टी होने पर स्वजन घबरा गए और उन्हें अस्पताल ले गए। इस संबंध में एसडीएम से बात की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।