Move to Jagran APP

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से प्रमुख मंदिरों में मिरजापुर से भेजा जा रहा प्रसाद, अब देश के इन राज्यों में भेजने की तैयारी

राममंदिर को लेकर 1989 में पंचभूत देवरहा बाबा ने घोषणा कर दी थी कि एक दिन ऐसा आएगा जब भगवान राम का मंदिर निश्चित जगह पर ही तैयार होगा। उनकी भविष्यवाणी सच हुई। दुनिया ने उनकी भविष्यवाणी भी सुनी और जमीन पर उतरी सच्चाई भी। ऐसे में देवरहा बाबा आश्रम की ओर से प्रेषित प्रसाद के लिए 5001 झोले भेजे जा रहे हैं।

By Arun Kumar Mishra Edited By: Riya Pandey Published: Mon, 08 Apr 2024 07:44 PM (IST)Updated: Mon, 08 Apr 2024 07:44 PM (IST)
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से 51 मंदिरों में मिरजापुर से भेजा जा रहा प्रसाद

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के उत्साह के क्रम में देश के 51 मंदिरों में प्रसाद से भरा झोला भेजा जा रहा है। यह कार्य विंध्याचल के पास स्थित हंस बाबा आश्रम में अनवरत किया जा रहा है।

loksabha election banner

यहां पर कारीगर नित्य प्रतिदिन प्रसाद बनाने का कार्य कर रहे हैं और ट्रक के माध्यम से प्रसाद निश्चित मंदिर में भेजा जा रहा है। झोले में एक टिफिन लड्डू, तीन ग्रंथ समेत हंस बाबा का चित्र रखा गया है।

भगवान राम सबके हैं। सबकी उनमें आस्था है। प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष राम से जुड़ाव सभी का है। ऐसे में अयोध्या में हुई रामलला प्राण प्रतिष्ठा के बाद से हंस बाबा आश्रम की ओर से देश के मंदिरों प्रसाद भेजने का कार्य किया जा रहा है।

राम मंदिर को लेकर देवरहा बाबा ने की थी घोषणा

राममंदिर को लेकर 1989 में पंचभूत देवरहा बाबा ने घोषणा कर दी थी कि एक दिन ऐसा आएगा जब भगवान राम का मंदिर निश्चित जगह पर ही तैयार होगा। उनकी भविष्यवाणी सच हुई।

दुनिया ने उनकी भविष्यवाणी भी सुनी और जमीन पर उतरी सच्चाई भी। ऐसे में देवरहा बाबा आश्रम की ओर से प्रेषित प्रसाद के लिए 5001 झोले भेजे जा रहे हैं। अभी तक लगभग 20 मंदिरों में भेजा जा चुका है।

आश्रम के सेवक नारायण दास बताते हैं कि इसके साथ ही रामनवमी के दिन भोग लगाने के लिए अयोध्या में 11000 प्रसाद से भरे झोले भेजे जाएंगे। इसमें का लड्डू बेसन, देसी घी, भूरा चीनी, काजू मेवा इलायची से तैयार किया जाता है। बाकी प्रसाद भेजने का क्रम बाकी स्थानों पर जारी रहेगा।

यह भी पढ़ें- Vindhyachal Dham: नवरात्रि में मां विंध्यवासिनी के चरण स्पर्श पर लगी रोक, निकास द्वार से एंट्री रहेगी बैन


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.