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Lok Sabha Election 2024: फूलन देवी के जरिए सपा ने इस सीट पर खोला था खाता, अब गठबंधन के सहारे नैया पार लगाने की जुगत

कांग्रेस और समाजवादी पार्टी आईएनडीआईए गठबंधन का हिस्सा हैं और दोनों दलों ने एक साथ मिलकर सियासी हवा को अपनी तरफ करने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटी है। वर्ष 2019 के चुनाव में सपा ने बसपा से गठबंधन किया था लेकिन उसका परिणाम सकारात्मक नहीं निकल पाया। भाजपा व अपना दल (एस) की आंधी में सपा बिखर गई थी।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Mon, 22 Apr 2024 06:29 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2024 06:29 PM (IST)
Lok Sabha Election 2024: फूलन देवी के जरिए सपा ने इस सीट पर खोला था खाता।

जागरण संवाददाता, मीरजापुर। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी आईएनडीआईए गठबंधन का हिस्सा हैं और दोनों दलों ने एक साथ मिलकर मीरजापुर में सियासी हवा को अपनी तरफ करने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटी है। 

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वर्ष 2019 के चुनाव में सपा ने बसपा से गठबंधन किया था, लेकिन उसका परिणाम सकारात्मक नहीं निकल पाया। भाजपा व अपना दल (एस) की आंधी में सपा बिखर गई थी। ऐसे में इस बार गत चुनाव में हुई गलतियों से सबक लेते हुए विजय का मार्ग प्रशस्त करने की तैयारी है।

पिछले चुनाव में दोनों पार्टियों को कितने वोट मिले?

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को 91501 वोट प्राप्त हुए थे जबकि समाजवादी पार्टी को तीन लाख 59 हजार 556 वोट मिले थे। यदि प्राप्त इन दोनों मतों एक बार के लिए जोड़ भी दिया जाए तो तब भी इनकी संख्या चार लाख 51 हजार के करीब बैठती है। 

वहीं, दूसरी तरफ अपना दल एस को पांच लाख 91 हजार 564 मत प्राप्त हुए थे। यानी वर्ष 2019 के चुनाव के आधार पर देखा जाए तो सपा और कांग्रेस मिलकर भी विजय रथ से बहुत पीछे है। 

हालांकि, वर्ष 2019 में सपा का बसपा से गठबंधन था, तब भी करीब साढ़े तीन लाख के करीब ही वोट प्राप्त हुए थे। ऐसे में इस बार सपा-कांग्रेस गठबंधन कितनी धारदार होगी यह तो चुनाव बाद पता ही चल जाएगा, लेकिन अभी से ही सपा-कांग्रेस वर्ष 2019 के चुनाव में प्राप्त मतों के हिसाब से जीत का समीकरण फिट करने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है। 

फूलन देवी ने सपा को दिलाई थी जीत

सपा-कांग्रेस गठबंधन को भरोसा है कि दोनों पार्टियों को वर्ष 2019 में जितना वोट मिला था, उसे इस बार बढ़ाया जाए। वर्ष 1957 में पहली बार कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की थी।

हालांकि, 1989 के बाद कांग्रेस इस सीट पर अपने लिए रेड कार्पेट के लिए तरस गई। वहीं सपा की बात करें तो वर्ष 1996 में फूलन देवी के सहारे सपा ने जीत हासिल की थी। इसके बाद वर्ष 1999, 2009 में सपा जीत हासिल कर पाई।

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