जागरण संवाददाता, मीरजापुर : आयुर्वेद के नाम पर मेडिकल स्टोरों से करोड़ों की नकली व मिलावटी दवाएं बेच दी गईं। जांच में मामला उजागर होने पर प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। छह माह के दौरान दवा की दुकानों से लिए गए सैंपल की जांच के आधार पर नकली और मिलावटी दवाओं की पुष्टि हुई।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा. अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि ऐसी दवाओं की बिक्री से लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ना तय है।
जांच में कुल 30 दवाएं ऐसी मिलीं, जिसमें या तो मिलावट की गई है या वह नकली हैं। विभाग की ओर से जारी सूची में बताया गया कि 20 मिलावटी दवाएं हरियाणा, जम्मू कश्मीर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, मेरठ, फर्रुखाबाद, झारखंड, गंगानगर, गुजरात और कर्नाटक की कंपनियों की हैं।
वहीं नकली दवाओं की आपूर्ति अलीगढ़, अमृतसर, मेरठ, हरिद्वार, गंगानगर, अहमदाबाद, झारखंड और फर्रुखाबाद जनपदों से की गई है। इन शहरों में स्थित चिह्नित कंपनियों से मिलावटी और नकली दवाएं बनाकर बिक्री की गई हैं।
पकड़ी गईं मिलावटी और नकली दवाएं
विश्वास गुड हेल्थ कैप्सूल, पेननिल चूर्ण, एज फिट चूर्ण, अमृत आयुर्वेदिक चूर्ण, स्लीमेक्स चूर्ण, दर्द मुक्ति चूर्ण, आर्थोनिल चूर्ण, योगी केयर, माइकान गोल्ड कैप्सूल, डाइबियंट शुगर केयर टेबलेट, हाइपावर सूसली कैप्सूल, डाइबियोग केयर, झंडु लालिमा ब्लड एंड स्किन प्यूरिफायर, हेल्थ गुड सीरप, हेपलिव डीएस सीरप, सिस्टोन सीरप, बयाना प्लस आयल, वातारिन आयल, न्यू रिविल और बोस्टा एम आर टैबलेट मिलावटी दवाओं में शामिल हैं।
वहीं नकली दवाओं में ज्वाला दाद, रूमो प्रवाही, सुंदरी कल्प सीरप, त्रयोदशांग गुग्गुल, वेदांतक वटी, एसीन्यूट्रा लिक्विड, आंवला चूर्णा, सुपर सोनिक कैप्सूल, बोस्टा 400 टैबलेट और बायना प्लस कैप्सूल शामिल हैं।
क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डा.अजय गुप्ता ने बताया कि दुकानों से लिए गए सैंपल को वाराणसी, लखनऊ, मेरठ आदि शहरों के यूनानी विभाग के अधिकारियों ने इकट्ठा कर परीक्षण कराया। अब विभाग ने टीम बनाकर नकली व मिलावटी दवा बेचने वालों के खिलाफ प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।