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उत्तर प्रदेश में बिछेंगी रेल लाइनें, बनेंगे फ्लाई ओवर

रेल बजट में केंद्र सरकार ने सूबे को 26 नई रेल लाइनें बिछाने और फ्लाईओवर की सौगात दी है। कुल 2201.05 किलोमीटर की रेल लाइनों व फ्लाईओवर पर तकरीबन 27,424.31 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2016 11:06 PM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2016 11:12 PM (IST)

लखनऊ। रेल बजट में केंद्र सरकार ने सूबे को 26 नई रेल लाइनें बिछाने और फ्लाईओवर की सौगात दी है। कुल 2201.05 किलोमीटर की रेल लाइनों व फ्लाईओवर पर तकरीबन 27,424.31 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बजट में राज्य के 17 नए रेल मार्गों के लिए सर्वे कराने की भी घोषणा की गई है। 1509 किलोमीटर लंबाई के रेल मार्ग के सर्वे के लिए 3.83 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं। मेरठ, शामली को हरियाणा से जोडऩे और बढऩी-काठमांडू के बीच नई रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे का प्रस्ताव है। अगले वित्तीय वर्ष में उप्र में 57 नये रेल उपरिगामी सेतु और 125 रेल अंडरब्रिज भी मंजूर किये गए हैं।

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रेल बजट में प्रदेश के लिए 4923 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं। यह पिछले रेलवे बजट की तुलना में 13 फीसद अधिक है। वर्ष 2015-16 के रेलवे बजट में सूबे का आवंटन 4516 करोड़ रुपये था। आंकड़ों पर नजर डालें तो गुजरे सात वर्षों के दौरान रेलवे बजट में उत्तर प्रदेश के लिए आवंटन सवा चार गुना से अधिक हो गया है। हालांकि उप्र के बजट आवंटन में तेज उछाल 2015-16 में आया जब सूबे का परिव्यय 2014-15 के मुकाबले 482 फीसद बढ़ाया गया। 2009-10 में उप्र के लिए रेलवे बजट में 1138 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे जो 2010-11 में घटकर 1055.2 करोड़ रुपये रह गया। 2011-12 में उप्र का आवंटन बढ़कर 1304.9 करोड़ रुपये हुआ लेकिन अगले ही साल इसमें फिर कटौती हुई और 2012-13 में यह घटकर 1014.1 करोड़ रुपये रह गया। 20 करोड़ की मामूली वृद्धि के साथ 2013-14 के बजट में उप्र की हिस्सेदारी 1034.1 करोड़ रुपये हो गई। अगले साल यानी 2014-15 के रेलवे बजट में उप्र का आवंटन सिमट कर 776 करोड़ रुपये रह गया। 2014-15 में रेल मंत्री ने उप्र पर दरियादिली दिखायी और सूबे का आवंटन पांच गुना बढ़ाते हुए 4516 करोड़ रुपये कर दिया।

क्रासिंग पर जाम से मुक्ति

प्रदेश के कई इलाकों में रेलवे क्रासिंग की वजह से होने वाले जाम से निजात मिलेगी। रेल बजट में 57 रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) और 125 रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) के निर्माण का प्रस्ताव किया गया है। बजट में पिछले दो वर्षों से आरओबी और आरयूबी निर्माण के प्रस्ताव जरूर आए लेकिन उनकी संख्या बहुत सीमित रही है। इस बार उत्तर प्रदेश की यातायात व्यवस्था को सुधारने की पहल दिखी है। वर्ष 2015-16 में 24 आरओबी व 99 आरयूबी और वर्ष 2014-15 में आठ आरओबी व एक आरयूबी प्रस्तावित थे। वर्ष 2011-12 में 22 आरओबी और दो आरयूबी का निर्माण हुआ। सर्वाधिक आरओबी और आरयूबी 2012 से 2014 तक हुआ। 2012-13 में यह संख्या 67 व 394 और 2013-14 में 60 आरओबी व 274 आरयूबी का निर्माण हुआ।

मुख्यमंत्री की अनसुनी

यद्यपि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पत्र लिखकर बजट में राज्य के लिए उनके कुछ प्रस्तावों को शामिल करने का अनुरोध किया था लेकिन प्रस्तावों को तरजीह नहीं दी गई। अलबत्ता रेल मंत्री ने सूबे में 57 आरओबी और 125 रेल अंडर ब्रिज मंजूर कर मुख्यमंत्री के अनुरोध को कुछ हद तक तवज्जो देने की कोशिश की है।

जहां होंगे काम

कहां से कहां तक - लंबाई (किमी) - खर्च(करोड़ में)

1- ललितपुर में फ्लाईओवर के साथ ललितपुर-बिरारी 16 260

2- फ्लाईओवर मथुरा-मुरेशी रामपुर 11.08 210.04

3- फ्लाईओवर इरादतगंज-कुआंडीह 20.10 1838.95

4- फ्लाईओवर इरादतगंज-करछना 10 563.11

5- फ्लाईओवर इरादतगंज-नैनी 12 675.95

6- फ्लाईओवर जियोनाथपुर 13 738.99

7- फ्लाईओवर अलीगढ़ 25 1456.89

8- झांसी-खैराड़ा-मानिकपुर व खैराड़ा-भीमसेन 411 3000

9- यमुना ब्रिज-आगरा फोर्ट 2 107.73

10- बहराइच-श्रावस्ती-बलरामपुर (तुलसीपुर) 80 1600

11- सहजवाना-दोहरीघाट नई लाइन 70 743.55

12- इंदारा-दोहरीघाट गेज परिवर्तन 34 119.05

13- फेफना-इंदारा व मऊ-शाहगंज 150 922.84

14- भटनी-औडि़हार डबलिंग 117 937

15- औडि़हार-जौनपुर 68 600

16- डोमिनगढ़-गोरखपुर-गोरखपुर कैंट-कुशमी तीसरी लाइन 21.15 116.72

17- बुढ़वल-गोंडा तीसरी लाइन 61.72 602.49

18- मेरठ-पानीपत 104 2200

19- जौनपुर-टांडा 94 831

20- अमेठी-प्रतापगढ़-जंघाई 87 700

21- बाराबंकी-अकबरपुर 161 1200

22- दिल्ली-शामली-तापरी 175 1500

23- बहराइच-मैलानी 230 1900

24- काशीपुर-धामपुर 58 1200

25- उरई-महोबा 90 1800

26- भिंड-लहर-कोंच 80 1600

17 मार्गों के लिए होगा सर्वे

कहां से कहां तक -लंबाई

1-फाफामऊ-इलाहाबाद : 14 किमी 2-राबट्र्सगंज-मुगलसराय वाया मधुपुर-अहरौरा : 70 किमी

3-इटावा-भोगनीपुर वाया औरैया : 112 किमी

4-अलीगढ़-कासगंज : 64 किमी

5-राजा का तालाब-चुनार : 20 किमी

6-एटा-कासगंज : 29 किमी

7-कपिलवस्तु-बस्ती वाया बांसी : 91 किमी

8-आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज : 50 किमी

9-बस्ती-फैजाबाद : 67 किमी

10-कानपुर-ऊंचाहार वाया उन्नाव : 130 किमी

11-नगीना-अलीगढ़-ठाकुरद्वारा-काशीपुर : 67 किमी

12-कैथल-करनाल-शामली-मेरठ : 170 किमी

13-हरदोई-बिलग्र्राम-कन्नौज : 45 किमी

14-जंघई-मछलीशहर : 20 किमी

15-मलिहाबाद-इटौंजा : 31 किमी

16-मीरजापुर-रीवां : 170 किमी

17-बढऩी-काठमांडू : 359 किमी


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