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अल्पसंख्यकों के कोटे को लेकर योगी के दो मंत्री आमने-सामने

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने सोमवार सुबह कोटे पर रोक का बयान दिया तो वहीं समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने सोमवार शाम को अल्पसंख्यक कोटे पर रोक से इंकार कर दिया।

By amal chowdhuryEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 09:07 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 09:07 AM (IST)
अल्पसंख्यकों के कोटे को लेकर योगी के दो मंत्री आमने-सामने
अल्पसंख्यकों के कोटे को लेकर योगी के दो मंत्री आमने-सामने

लखनऊ (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश में 20 फीसदी अल्पसंख्यक कोटे पर रोक को लेकर योगी के दो मंत्री आमने-सामने आ गए हैं। जहां अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने सोमवार सुबह कोटे पर रोक का बयान दिया तो वहीं समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने सोमवार शाम को अल्पसंख्यक कोटे पर रोक से इंकार कर दिया।

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शास्त्री ने कहा है कि कोटा खत्म करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह की खबरें सही नहीं हैं। गौरतलब है कि सोमवार सुबह अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा ने कोटा मुक्ति का नारा लगाया तो शाम होते-होते समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री ने रोक से इनकार कर दिया।

2012 में हुई कोटा देने की शुरुआत: अखिलेश यादव सरकार ने 85 योजनाओं में अल्पसंख्यकों के लिए 20 फीसदी कोटे का प्रावधान किया था। अखिलेश सरकार की योजनाओं में अल्पसंख्यकों को कोटा देने की शुरुआत 2012 में हुई थी, जिसके तहत प्रदेश सरकार की 85 योजनाओं में अल्पसंख्यकों के लिए 20 फीसदी कोटा निर्धारित किया गया।

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प्रमुख विभागों में अल्पसंख्यकों को कोटे का फायदा: सबसे ज्यादा कोटा समाज कल्याण और ग्राम विकास में है। जिन क्षेत्रों में कम से कम 25 प्रतिशत आबादी अल्पसंख्यकों की होती है, वहां योजनाओं को सख्ती से लागू किए जाने के निर्देश हैं। स्वास्थ्य लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, लघु उद्योग, खादी ग्रामोद्योग, पंचायती राज और चिकित्सा जैसे प्रमुख विभागों में अल्पसंख्यकों को कोटे का फायदा मिल रहा है।

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