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225 राजकीय कालेजों में साथ पढ़ेंगे बालक-बालिका

सभी राजकीय इंटर कालेज बालक में सहशिक्षा यानी बालिकाओं के प्रवेश को अनुमति दी जाती है। इस आदेश पर नये शैक्षिक सत्र जुलाई से अमल होना है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Tue, 20 Jun 2017 03:23 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jun 2017 03:23 PM (IST)
225 राजकीय कालेजों में साथ पढ़ेंगे बालक-बालिका
225 राजकीय कालेजों में साथ पढ़ेंगे बालक-बालिका

इलाहाबाद (जेेएनएन)। अब बालक व बालिकाएं चिह्नित विद्यालयों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि बालकों के लिए खुले राजकीय इंटर कालेजों का दायरा टूटने जा रहा है। इन कालेजों में नए शैक्षिक सत्र से बालिकाओं को भी प्रवेश दिया जाएगा। इस संबंध में शासन ने आदेश जारी कर दिया है। जल्द ही महकमा सभी जिलों को अलग से निर्देश जारी करेगा। यह कदम बालिकाओं को बराबरी का दर्जा देने के तहत उठाया गया है।

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प्रदेश सरकार ने बालक-बालिकाओं को शिक्षित करने के लिए अलग-अलग बड़ी संख्या में राजकीय कालेज खोले हैं। इस समय 225 राजकीय इंटर कालेज, 361 राजकीय बालिका इंटर कालेज विभिन्न जिलों में संचालित हैं। इसी तरह से हाईस्कूल स्तर पर भी 753 राजकीय बालिका और 752 राजकीय बालक विद्यालय चल रहे हैं। इनमें छात्र-छात्राओं को कालेज के स्वरूप यानी बालक-बालिका के आधार पर ही प्रवेश दिया जाता रहा है। इसके उलट अधिकांश निजी कालेजों में सहशिक्षा लंबे समय से दी जा रही है।

बदलते दौर में समाज में तेजी से बदलाव हुआ है। सामाजिक परिवेश में हो रहे परिवर्तन से छात्र-छात्राएं अब साथ-साथ कदमताल भी कर रही हैं। वहीं, बालिकाओं ने हाईस्कूल व इंटर की मेरिट में अव्वल आकर अपनी मेधा का कई बार लोहा मनवाया है।  इस बदलाव को देखते को देखते हुए बीते 17 मई को माध्यमिक शिक्षा के निदेशक अमरनाथ वर्मा ने शासन को प्रस्ताव भेजा था कि बालकों के राजकीय इंटर कालेजों में बालिकाओं को भी प्रवेश दिया जाए।

सरकार ने पिछले दिनों राजकीय कालेजों में सहशिक्षा शुरू करने के संकेत भी दिये थे। शासन ने अब माध्यमिक शिक्षा महकमे के प्रस्ताव पर आदेश जारी कर दिया है। संयुक्त सचिव शत्रुंजय कुमार सिंह ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में लिखा है कि सामाजिक परिवेश में बदलाव को देखते हुए सभी राजकीय इंटर कालेज बालक में सहशिक्षा यानी बालिकाओं के प्रवेश को अनुमति दी जाती है। इस आदेश पर नये शैक्षिक सत्र जुलाई से अमल होना है।
 


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