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Kushinagar Seat: हैट्रिक की राह आसान नहीं, बदल गए हैं राजनीतिक समीकरण; समझें कुशीनगर सीट का पूरा गणित

एक चुनाव को छोड़ दें तो 1991 के बाद एक तरह से कुशीनगर संसदीय सीट भाजपा की परंपरागत सीट के रूप में सामने आई। इस बार यानी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद यहां का राजनीतिक समीकरण बदल गया है। ऐसे में यह सियासी चर्चा चल रही है कि भाजपा के जीत की हैट्रिक की राह उतनी आसान नहीं होगी।

By Ajay K Shukla Edited By: Aysha Sheikh Published: Sat, 23 Mar 2024 01:43 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2024 01:43 PM (IST)
Kushinagar Seat: हैट्रिक की राह आसान नहीं, बदल गए हैं राजनीतिक समीकरण; समझें कुशीनगर सीट का पूरा गणित

अजय कुमार शुक्ल, पडरौना।  एक चुनाव को छोड़ दें तो 1991 के बाद एक तरह से कुशीनगर संसदीय सीट भाजपा की परंपरागत सीट के रूप में सामने आई। इस बार यानी कि 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद यहां का राजनीतिक समीकरण बदल गया है। ऐसे में यह सियासी चर्चा चल रही है कि भाजपा के जीत की हैट्रिक की राह उतनी आसान नहीं होगी।

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हालांकि, मोदी लहर का असर पूरी तरह से दिख रहा है तो गठबंधन के बाद विपक्ष की मजबूत मोर्चेबंदी भी दिख रही है। ऐसे में चुनाव के दिलचस्प होने के कयास लगाए जा रहे हैं।  इस संसदीय सीट पर भाजपा ने जीत का स्वाद पहली बार 1991 में चखा और तब भाजपा प्रत्याशी रामनगीना मिश्र ने रामलहर में जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने इस सीट से 1996, 1998, 1999 के लोकसभा चुनाव में जीत का सिलसिला जारी रख लगातार चार जीत दर्ज करने का रिकार्ड भी बना दिया, जो अब तक टूट नहीं सका है।

2009 में कांग्रेस के कुंवर आरपीएन सिंह ने इस संसदीय सीट से जीत दर्ज की थी, जो इस समय भाजपा के राज्यसभा सांसद हैं। बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य दूसरे स्थान पर रहे थे। तब भाजपा उम्मीदवार रहे विजय कुमार दूबे तीसरे स्थान पर रहे थे। 2014 के चुनाव में भाजपा ने पुन: इस सीट पर कब्जा किया और राजेश पाण्डेय यहां से सांसद बने।

2019 में भाजपा ने प्रत्याशी बदल एक बार फिर से विजय कुमार दूबे को मैदान में उतरा और भाजपा को लगातार दूसरी जीत मिली। इस बार भी भाजपा से विजय कुमार दूबे ही मैदान में हैं। इस बार के राजनीतिक समीकरण की बात करें तो पिछले चुनाव में सपा व कांग्रेस अलग-अलग चुनाव मैदान में थे। इस बार दोनों का गठबंधन है, ऐसे में राजनीतिक समीकरण जरूर बदले हुए होंगे। मुकाबला भी रोमांचक होगा, क्योंकि गठबंधन अपना पूरा दमखम दिखाएगा।

बीते तीन चुनाव के नतीजों पर एक नजर

लोकसभा चुनाव 2009 

  • कुंपर आरपीएन सिंह, कांग्रेस : 223954 मत
  • स्वामी प्रसाद मौर्य, बसपा : 202860 मत
  • विजय दूबे, भाजपा : 162189 मत

लोकसभा चुनाव 2014

  • राजेश पाण्डेय, भाजपा : 370051 मत
  • कुंवर आरपीएन सिंह, कांग्रेस : 264511 मत
  • डा. संगम मिश्र, बसपा: 132881 मत

लोकसभा चुनाव 2019

  • विजय कुमार दूबे, भाजपा: 597039 मत
  • एनपी कुशवाहा, सपा: 259479 मत
  • कुंवर आरपीएन सिंह, कांग्रेस: 146151 मत

विधानसभा में कुल मतदाता

  • पडरौना- 392918
  • कुशीनगर- 378575
  • खड्डा- 347492
  • हाटा- 377444
  • रामकोला (आरक्षित)- 376694

कुशीनगर लोकसभा का जातिगत समीकरण

पिछले लोकसभा चुनाव में कुशीनगर में कुल मतदाताओं की संख्या 1623624 रही। बात लोकसभा के राजनीतिक बिसात पर जातिगत समीकरण की करें तो अनुसूचित के 15 प्रतिशत, मुस्लिम 14 प्रतिशत, कुशवाहा-कुर्मी 13 प्रतिशत, ब्राह्मण 11 प्रतिशत, सैंथवार 12 प्रतिशत, वैश्य 10 प्रतिशत व यादव आठ प्रतिशत हैं।


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