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Holi 2024: कानपुर में होली की अनोखी तैयारी, पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए बनाई गई खास होलिका

जुनेदपुर स्थित श्रीबालाजी दरबार में 16वीं नारियल की अद्भुत होली प्रदूषण मुक्त वातारण का संदेश देगी। कई दिनों की मेहनत के बाद करीब 10 हजार नारियल की होलिका को तैयार किया गया है। इस दृश्य को देखने के लिए आसपास क्षेत्र के काफी श्रद्धालु जुटेंगे। पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के जुनेदपुर स्थित श्रीबालाजी दरबार में होलिकोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है।

By charutosh jaiswal Edited By: Swati Singh Published: Sat, 23 Mar 2024 06:06 PM (IST)Updated: Sat, 23 Mar 2024 06:06 PM (IST)
कानपुर में होली की अनोखी तैयारी, पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए बनाई गई खास होलिका

जागरण संवाददाता, कानपुर देहात। जुनेदपुर स्थित श्रीबालाजी दरबार में 16वीं नारियल की अद्भुत होली प्रदूषण मुक्त वातारण का संदेश देगी। कई दिनों की मेहनत के बाद करीब 10 हजार नारियल की होलिका को तैयार किया गया है। शनिवार शाम को यह पूरी तरह से तैयार हुई। आज दरबार में छप्पन भोग के साथ हवन पूजन होगा और देरशाम होलिका दहन किया जाएगा।

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इस दृश्य को देखने के लिए आसपास क्षेत्र के काफी श्रद्धालु जुटेंगे। पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी भोगनीपुर तहसील क्षेत्र के जुनेदपुर स्थित श्रीबालाजी दरबार में होलिकोत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है। ब्रह्मलीन महंत कमलकांत इसे धूमधाम से करते थे लेकिन वर्ष 2022 में उनका निधन हो जाने पर इस बार उनके पिता पुजारी ओमप्रकाश शास्त्री के निर्देशन में होलिका तैयार की गई है।

अद्भुत होली को तैयार है कानपुर

भक्त कई दिनों से दरबार की सजावट रंग बिरंगे कागजों और झंडों आदि के माध्यम करने के साथ कई हजार नारियल से अद्भुत होली को तैयार करने में जुटे थे। ओमप्रकाश शास्त्री ने बताया कि सुबह सबसे पहले अकबरपुर तहसील के पातेपुर स्थित श्रीकैला माता मंदिर में छप्पन भोग के साथ झंडा पूजन होगा। इसके बाद जुनेदपुर स्थित श्रीबालाजी दरबार में छप्पन भोग व सवा मनी भोग के साथ विधि-विधान से हवन पूजन कार्यक्रम चलेंगे।

किया जाएगा नारियल का इस्तेमाल

झंडा पूजन के साथ नारियल भेंट कार्यक्रम संपन्न होगा। शाम आठ बजे रंग बिरंगी रोशनी के बीच नारियल होलिका को आग लगाई जाएगी। उन्होंने बताया कि होली तैयार करने में करीब 10 नारियलों का प्रयोग किया गया है, जिससे प्रदूषित वातावरण शुद्ध होने के कारण लोगों को बीमारियों आदि से राहत मिलेगी। लोग पेड़ों को काटकर होलिका में प्रयोग न करें और नारियल व उपलों की होलिका ही सबसे सही रहेगी यही संदेश हमें देना है।

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