कन्नौज में गरमाई राजनीति, अखिलेश और सुब्रत पाठक के बीच दूसरी बार होगा चुनावी मुकाबला; पढ़ें क्या है वोटों का गणित
Lok Sabha Election 2024 सपा मुखिया अखिलेश यादव व सुब्रत पाठक के बीच वर्ष 2009 में कन्नौज में मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में अखिलेश यादव को 337751 मत मिले थे। दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी डॉ. महेश वर्मा को 221887 मत मिले थे। वहीं भाजपा के सुब्रत पाठक तीसरे स्थान पर रहे थे। तब उन्हें 150872 मत ही मिल पाए थे।
अमित कुशवाहा, कन्नौज। (Kannauj Lok Sabha Seat) सपा मुखिया अखिलेश यादव व सुब्रत पाठक के बीच वर्ष 2009 में कन्नौज में मुकाबला हुआ था। इस चुनाव में अखिलेश यादव को 3,37,751 मत मिले थे। दूसरे स्थान पर रहे बसपा प्रत्याशी डॉ. महेश वर्मा को 2,21,887 मत मिले थे। वहीं, भाजपा के सुब्रत पाठक तीसरे स्थान पर रहे थे। तब उन्हें 1,50,872 मत ही मिल पाए थे।
हालांकि वर्ष 2019 में जब सुब्रत पाठक (Subrat Pathak) ने डिंपल को हराया तब उन्हें 5,63,087 वोट मिले थे, जो कुल पड़े मतों का 49.35 प्रतिशत थे। सपा प्रमुख अखिलेश यादव के चुनावी मैदान में उतरने से पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में तो उत्साह बढ़ ही गया है, बसपा व भाजपा में भी सरगर्मी बढ़ गई है।
अखिलेश ने दाखिल किया नामांकन
पुराने गढ़ में 2019 में भाजपा से मिली शिकस्त के बाद पार्टी नेता अखिलेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग कर रहे थे, आज 25 अप्रैल को सपा प्रमुख ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। फिलहाल जिले की तिर्वा, छिबरामऊ और सदर विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। इसके साथ ही आठ ब्लाक प्रमुखों से लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष सीट पर भी भाजपा काबिज है।
कन्नौज संसदीय सीट पर वर्ष 1998 में पहली बार सपा प्रत्याशी प्रदीप यादव ने जीत दर्ज कर पार्टी का खाता खोला था। इसके बाद वर्ष 1999 में मुलायम सिंह यादव ने कन्नौज और संभल लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। दोनों सीटों से चुनाव जीतने के बाद मुलायम ने कन्नौज से इस्तीफा दिया था।
अखिलेश ने 2000 में दर्ज की थी जीत
वर्ष 2000 में हुए उपचुनाव में उन्होंने बेटे अखिलेश यादव को मैदान में उतारा। इस चुनाव में उन्होंने बसपा प्रत्याशी अकबर अहमद डंपी को चुनाव हराया। इसके बाद अखिलेश वर्ष 2004 और 2009 में भी यहां से जीते।
प्रदेश में सपा की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने पर अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बने, तो उन्होंने वर्ष 2012 में हुए उपचुनाव में पत्नी डिंपल यादव को निर्विरोध सांसद निर्वाचित करा लिया। इसके बाद डिंपल ने वर्ष 2014 में भी जीत दर्ज की, लेकिन वर्ष 2019 में हुए चुनाव में भाजपा के सुब्रत पाठक ने डिंपल यादव को पराजित कर सपा के गढ़ पर कब्जा कर लिया।
तेज प्रताप की पत्नी निर्णय के पक्ष में
अखिलेश के पारिवारिक भतीजे तेज प्रताप यादव की पत्नी और लालू की बेटी राजलक्षमी ने इंटरनेट मीडिया पर इस निर्णय को सही ठहराया। उन्होंने लिखा कि जो भी निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व और कन्नौज की जनता का है, उनका फैसला सपा के हित में बिलकुल सही है।
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