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डिब्बा दिखाते हुए कहा… साहब ने मिठाई भेजी, अधिकारी के घर लूट के मामले में दोषी को सात साल की कैद

लूट के मामले में शुक्रवार को डकैती कोर्ट में फैसला सुनाया गया। साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए सात साल की कैद एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मुकदमे में तीन लोगों को नामजद किया गया था। ट्रायल के दौरान एक आरोपी को मौत हो गई जबकि साक्ष्यों के अभाव में एक को दोषमुक्त कर दिया गया है।

By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Published: Fri, 12 Apr 2024 11:13 PM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2024 11:13 PM (IST)
अधिकारी के घर लूट के मामले में दोषी को सात साल की कैद।

जागरण संवाददाता, उरई। भूमि संरक्षण अधिकारी के घर में घुसकर लूट के मामले में शुक्रवार को डकैती कोर्ट में फैसला सुनाया गया। साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश ने एक आरोपी को दोषी करार देते हुए सात साल की कैद एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। मुकदमे में तीन लोगों को नामजद किया गया था। ट्रायल के दौरान एक आरोपी को मौत हो गई, जबकि साक्ष्यों के अभाव में एक को दोषमुक्त कर दिया गया है।

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घटना 27 जनवरी 2006 की है। ऑफिसर कालोनी में रहने वाले भूमि संरक्षण अधिकारी राकेश कुमार आफिस गए थे, इसी दौरान तीन लोग उनसे घर पर मिठाई का डिब्बा लेकर पहुंचे। खटखटाने पर उनकी पत्नी प्रतिष्ठा देवी ने दरवाजा खोला, जिसके बाद बदमाशों ने उन्हें मिठाई का डिब्बा दिखाते हुए कहा कि साहब ने मिठाई भेजी है। 

पत्नी कुछ समझ पाती बदमाश घर के भीतर घुस आए और प्रतिष्ठा देवी को तमंचा दिखाकर जेवर व रुपये लूट लिए। इस बीच उनके बच्चे आ गए तो बदमाशों ने उनके हाथ पैर भी बांध दिए और फिर घर का दरवाजा बाहर से बंद कर भाग गए। 

भूमि संरक्षण अधिकारी राकेश कुमार की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात के विरुद्ध लूट का मुकदमा दर्ज किया था। बाद में पुलिस ने इस मामले में दोस्त मुहम्मद, मशकूर अहमद एवं मुजाहिद अली निवासीगण सीपरी बाजार झांसी को गिरफ्तार किया। उनके पास से लूट के जेवर एवं रुपये बरामद कर लिए। 

आरोपियों के विरुद्ध साक्ष्य संकलित कर आरोप पत्र दाखिल किया गया। करीब 17 साल चले ट्रायल के बाद शुक्रवार को डकैती कोर्ट में मुकदमे का फैसला सुनाया गया। 

शासकीय अधिवक्ता महेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि न्यायाधीश प्रमोद कुमार गुप्ता ने दोस्त मोहम्मद को लूट में दोषी करार देते हुए सात साल की कैद एवं दस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। एक आरोपी मुजाहिज अली की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो चुकी है, जबकि मशकूर को साक्ष्यों के अभाव में दोषमुक्त किया गया है।


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