Move to Jagran APP

थानाध्यक्ष की अकड़ ने उजाड़ दी सिपाही की दुनिया, तबीयत अधिक बिगड़ने पर ज्योति अपने पति सिपाही विकास को ही पुकारती रही

थाना रामपुरा में तैनात सिपाही विकास निर्मल दिवाकर को अपनी पत्नी ज्योति की बड़े अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराना चाहता था। छुट्टी के लिए सिपाही थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह को कई बार आवेदन दे चुका था। इसके बाद भी उसे छुट्टी नहीं दी। परिणाम स्वरूप सिपाही विकास की पत्नी ज्योति की उचित उपचार न मिलने के कारण नवजात बेटी के साथ मौत हो गई थी।

By mahesh prajapati Edited By: Vinay Saxena Published: Mon, 22 Apr 2024 03:39 PM (IST)Updated: Mon, 22 Apr 2024 03:39 PM (IST)
स‍िपाही की पत्नी ज्‍योत‍ि की फाइल फोटो।

जागरण संवाददाता, उरई। घर में किलकारी गूंजेंगी, पत्नी को बच्चे के जन्म पर कई तोहफे भी देने हैं, कुछ ऐसे ही सपने संजोते हुए रामपुरा थाने में तैनात सिपाही विकास ने अपनी पत्नी ज्योति के लिए पूरी तैयारी की थी। पत्नी के प्रसव का समय नजदीक आया तो उसने थानाध्यक्ष से अवकाश के लिए पत्र दिया। इस पर थानाध्यक्ष ने अकड़ दिखाते हुए सिरे से उसे खारिज कर दिया था।

loksabha election banner

थानाध्यक्ष की इस क्षणिक अकड़ के आगे सिपाही घर जाने जाने को लेकर छटपटाता रह गया। आखिर दूसरे दिन सूचना मिली कि उसकी पत्नी व नवजात बच्ची की प्रसव के कुछ देर बाद ही मौत हो चुकी है। यह सूचना जब थानाध्यक्ष को चली तो वह स्वयं सिपाही को साथ लेकर ग्राम बेलाहार पहुंचे, यदि सिपाही को लेकर एक दिन पहले ही थानाध्यक्ष चले जाते या अवकाश दे देते तो उसका परिवार यूं न उजड़ता। इस मामले में एसपी ने थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा है।

क्‍या है पूरा मामला?

थाना रामपुरा में तैनात सिपाही विकास निर्मल दिवाकर को अपनी पत्नी ज्योति की बड़े अस्पताल में प्रसव के लिए भर्ती कराना चाहता था। छुट्टी के लिए सिपाही थानाध्यक्ष अर्जुन सिंह को कई बार आवेदन दे चुका था। इसके बाद भी उसे छुट्टी नहीं दी। परिणाम स्वरूप सिपाही विकास की पत्नी ज्योति की उचित उपचार न मिलने के कारण नवजात बेटी के साथ मौत हो गई थी।

इस सूचना के बाद सिपाही को लेकर थानाध्यक्ष उसके गृह जनपद गए और कुछ समय वहां रुककर वापस थाने लौट आए। ग्राम बेलाहार थाना कुरावली जिला मैनपुरी के रहने वाले सिपाही विकास निर्मल की शादी झांसी के पास ललितपुर में रहने वाली ज्योति से हुई थी।

विकास के घर में सिर्फ उसकी मां ही अकेली रहती थी। शादी के पहले ही ज्योति की महाराष्ट्र पुलिस में आरपीएफ में महिला सिपाही के पद पर नौकरी लग गई थी। वर्तमान में वह गर्भवती होने के चलते मेडिकल छुट्टी पर थी। सिपाही विकास के गांव में मां व पत्नी ही घर पर अकेली थी।

आखिरी समय विकास को पुकारती रही ज्योति

सिपाही की मां बृजरानी देवी ने बातचीत में बताया बहू ज्योति और बेटे विकास ने मिलकर एक खुशहाल परिवार की कल्पना की थी। ड्यूटी पर तैनात विकास से पत्नी हमेशा अपने सुख दुख की बातें साझा करती थी। दोनों का सपना था कि एक पुत्री व एक पुत्र हो। ज्योति की तबीयत जब ज्यादा बिगड़ने लगी थी तो वह सिर्फ अपने पति विकास को ही पुकारे जा रही थी।

थाने में नहीं दिखे एसओ

गांव बेलाहार गए एसओ जब वापस लौटे तब से थाने से लापता हैं। रविवार को एएसपी असीम चौधरी ने जांच में दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की बात कही थी। उसके बाद से एसओ का पता नहीं है। उसका फोन भी बंद आ रहा है। पुलिस अधीक्षक डॉ. ईरज राजा ने कहा कि थानाध्यक्ष रामपुरा पर कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग को पत्र लिखा गया है। आयोग से स्वीकृति मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

यह भी पढ़ें: मांगने पर नहीं मिली छुट्टी… पत्नी-बच्चे ने छोड़ी दुनिया तो सिपाही को मिला 30 दिन का अवकाश, यूपी पुलिस विभाग का वाकया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.