शादीशुदा बेटी की हत्या करने वाला पिता अपने ही जाल में फंसा, जांच हुई तो सामने आया हैरान करने वाला सच
सांडी थाना क्षेत्र में महिला की उसके पिता ने रिश्तेदार के साथ मिलकर हत्या कर शव को बोरी में बंद कर फेंका था और बेटी के ससुराली जनों के विरुद्ध दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज करा दी थी जो कि फर्जी निकली। 30 मार्च को मिले शव का पुलिस ने राजफाश कर दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एएसपी पूर्वी ने पूरे मामले की जानकारी दी।
जागरण संवाददाता, हरदोई। सांडी थाना क्षेत्र में महिला की उसके पिता ने रिश्तेदार के साथ मिलकर हत्या कर शव को बोरी में बंद कर फेंका था और बेटी के ससुराली जनों के विरुद्ध दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज करा दी थी, जो कि फर्जी निकली। 30 मार्च को मिले शव का पुलिस ने राजफाश कर दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। एएसपी पूर्वी ने पूरे मामले की जानकारी दी।
यह है पूरा मामला
सुरसा थाना क्षेत्र के कमरौली निवासी ज्ञानेंद्र पांडे की पुत्री सुनैना की शादी तीन वर्ष पहले हरपालपुर क्षेत्र के मलौथा के आकाश के साथ हुई थी। शादी के बाद वह ज्यादातर मायके में ही रहती थी। 29 मार्च को भी वह मायके में ही थी। रात में उसकी हत्या कर शव को बोरी में बंद कर सांडी थाना क्षेत्र के भैरमपुर मार्ग पर परसापुर के पास सड़क के किनारे फेंक दिया गया।
30 मार्च की सुबह मिलने पर सुनैना के पिता ज्ञानेंद्र पांडेय ने सुनैना के पति आकाश, उसके बड़े भाई निर्मल चाचा कमलेश, ब्रजेश के विरुद्ध दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी, लेकिन इस घटना के कई बिंदु इसे उलझा रहे थे।
क्षेत्राधिकारी बिलग्राम रोहित शर्मा ने जांच की तो मामला और ही कुछ निकला। सुनैना की हत्या उसके ससुराल वालों ने नहीं बल्कि उसके पिता ज्ञानेंद्र पांडेय ने अपने चचेरे साले टड़ियावां थाना क्षेत्र के हर्रई के रामगोपाल के साथ मिलकर की थी।
एएसपी नृपेंद्र कुमार ने बताया कि पूछताछ में ज्ञानेंद्र ने बताया कि सुनैना का चाल चलन ठीक नहीं था। उसे कई बार समझाया भी, लेकिन वह नहीं मानी तो उसे खत्म करने की योजना बनाई। 29 मार्च को उसे हरपालपुर ले जाने के बहाने घर से लेकर निकले और फिर रास्ते में रामगोपाल के साथ मिलकर उसकी हत्या कर शव को बोरी में बंद कर फेंक दिया।
पुलिस ने उनकी निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त डंडा भी बरामद कर लिया है। दहेज हत्या में जिन लोगों का नाम दर्ज कराया गया था। वह गलत निकला और हत्या में ज्ञानेंद्र पांडेय और उसके चचेरे साले रामगोपाल को जेल भेज दिया गया है।