UP News : बाइक पर जाम में फंसे माता-पिता, एक महीने की बच्ची की मौत; 5 घंटे में 31 किलोमीटर का तय किया सफर
UP News in Hindi यातायात और थाना पुलिस जाम खुलवाने के लिए मशक्कत करती रही लेकिन ट्रकों के साथ चार पहिया वाहनों की जल्दबाजी के चलते अन्य वाहन फंसते चले गए। सुबह सात बजे मूसानगर निवासी संदेश एक माह पांच दिन की बीमार बेटी आराध्या का इलाज कराने के लिए पत्नी अनीता के साथ बाइक से हमीरपुर जिला अस्पताल के लिए घर से निकले।
जागरण संवाददाता, हमीरपुर : जिले में प्रवेश से पहले कानपुर-सागर हाईवे पर यमुना पुल के पार सजेती क्षेत्र में सड़क किनारे एक माह की बच्ची को सीने से चिपटाए चीखती-चिल्लाती, रोती-बिलखती मां। पास में बेसुध पिता। बच्ची बेजान हो चुकी थी। तेज बुखार से पीड़ित होने पर माता-पिता कानपुर देहात के मूसानगर से हमीरपुर के जिला अस्पताल में ले जाने के लिए बाइक से निकले थे।
मगर, कानपुर-सागर हाईवे पर आए दिन लगने वाले भीषण जाम ने उस नन्ही सी जान के लिए जिंदगी की उम्मीद अस्पताल पहुंचने से पहले छीन ली। जाम के बीच पांच घंटे में बाइक से दंपती 31 किलोमीटर दूरी नाप सकी थी, अस्पताल तीन किमी दूर रह गया था कि मां की गोद में सांसों के लिए लड़ती नवजात का संघर्ष थम गया। वह न केवल माता-पिता बल्कि उसकी मौत का नजारा देखने को वालों को रुलाकर दुनिया से चली गई बल्कि सवाल भी छोड़ गई कि आखिर इस अव्यवस्था का जिम्मेदार कौन? ये हालात कब तक और यूं ही कितनों की जान लेंगे।
सीओ ट्रैफिक हरवेंद्र सिंह का कहना है कि शनिवार रात आठ बजे से दोबारा जाम के हालात बने थे। चालक सड़क पर ही ट्रक खड़े करके सो गए, जिससे जाम बढ़ता चला गया। कानपुर-सागर हाईवे पर जाम की समस्या दिनों दिन गंभीर हो रही है। शनिवार शाम पांच बजे से रविवार दोपहर दो बजे तक रुक-रुक कर जाम लगता रहा। रात भर में करीब 18 किमी तक वाहन फंस गए। सजेती से कुछेछा के बीच वाहनों की कतारें लगी रहीं।
यातायात और थाना पुलिस जाम खुलवाने के लिए मशक्कत करती रही, लेकिन ट्रकों के साथ चार पहिया वाहनों की जल्दबाजी के चलते अन्य वाहन फंसते चले गए। सुबह सात बजे मूसानगर निवासी संदेश एक माह पांच दिन की बीमार बेटी आराध्या का इलाज कराने के लिए पत्नी अनीता के साथ बाइक से हमीरपुर जिला अस्पताल के लिए घर से निकले। करीब साढ़े ग्यारह बजे यमुना पुल के पहले जाम में फंस गए। अनीता ने बताया कि वह पति और बच्ची के साथ जाम खुलने का इंतजार कर रही थी।
दोपहर करीब 12 बजे बच्ची ने दम तोड़ दिया। बच्ची की सांसें थमने पर बदहवास दंपती को वाहन चालकों को किसी तरह संभाला। सजेती थाने के सिपाही ने उन्हें जिला अस्पताल भिजवाया।
पहले भी जाम में फंसकर हो चुकी मरीज की मौत
बीते वर्ष 29 अक्टूबर को सदर कोतवाली के चुनकू का डेरा गांव में रहने वाले 25 वर्षीय लालजी निषाद की मौत भी घाटमपुर में लगे जाम के कारण हो गई थी। कानपुर ले जाते समय घाटमपुर में लंबे जाम की वजह से लालजी की एंबुलेंस के अंदर ही इलाज के अभाव में मौत हो गई थी।