जागरण संवाददाता,
फर्रुखाबाद। (Farrukhabad Lok Sabha Seat) वर्ष 2007 में जनपद में बसपा का खासा प्रभाव था। यहां पार्टी के तीन विधायक थे। उसके बाद जनाधार खिसकता चला गया। पार्टी का कैडर वोट ही अब साथ दिख रहा है। हालात यह हैं कि पार्टी मुखिया मायावती के भतीजे व राष्ट्रीय समन्वयक की ससुराल भी जनपद में है।
उनके ससुर भी पूर्व राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। इसके बावजूद भी अब लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी ढूंढ़े नहीं मिल रहा है। पार्टी के पदाधिकारी जनपद में टिकट के लिए पूर्व राजनीतिक लोगों व साधन संपन्न व्यक्तियों के यहां चक्कर लगा रहे हैं।
बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद के ससुर पूर्व राज्यसभा सदस्य डा. अशोक सिद्धार्थ कायमगंज के निवासी हैं। वर्ष 2007 में कायमगंज विधानसभा से कुलदीप गंगवार, कमालगंज विधानसभा से ताहिर हुसैन सिद्दीकी और फर्रुखाबाद सदर विधानसभा क्षेत्र में हुए उप चुनाव में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अनंत कुमार मिश्र ‘अंटू’ विधायक चुने गए थे। उसके बाद से ही पार्टी का ग्राफ गिरता चला गया।
इसी के चलते अब लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी नहीं मिल रहा है। पार्टी पदाधिकारी 15 दिन पहले कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता व पूर्व विधायक के पुत्र से मिलने गए थे और उन्हें पार्टी का टिकट देने का वायदा किया, लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया। इसके बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक के पुत्र से संपर्क किया गया।
कायमगंज की एक महिला सभासद के पति पर भी डोरे डाले जा रहे हैं। हालांकि वह पांचवीं बार सभासदी जीते हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ने का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं। इसके अलावा एक ठेकेदार से भी पार्टी ने संपर्क किया।
पार्टी के एक मंडल कोआर्डीनेटर कई दिनों से यहां डेरा जमाए हैं। वह पार्टी अनुशासन की बात कहकर कुछ भी बोलने से मना कर देते हैं। बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष वीर सिंह आंबेडकर ने कहा कि उनकी जनपद के चारों विधानसभा क्षेत्र में बूथ स्तर पर कमेटियां गठित हैं। पार्टी के कैडर बैठकें भी हो चुकी हैं। एक दो दिन में प्रत्याशी पर फैसला हो जाएगा। पार्टी मुखिया इस पर निर्णय करेंगी। बसपा पूरी दमदारी से चुनाव लड़ेगी।
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