जब एक गांव में सिमटकर रह गया था पूरा लोकसभा चुनाव, एक राजनीति का 'बूढ़ा शेर' तो दूसरा कैंब्रिज से पढ़ा नेता
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा हो चुकी है। ऐसे में अतीत के चुनावों की याद आना स्वाभाविक है। एक ऐसा ही दिलचस्प किस्सा उत्तर प्रदेश की लोकसभा सीट फर्रूखाबाद का है। इस हाई प्रोफाइल सीट पर कई दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़ा है। बात 1991 लोकसभा चुनाव की है जब कांग्रेस के टिकट पर सलमान खुर्शीद और सपा से अनवर खां चुनावी मैदान में थे।
विजय प्रताप सिंह, फर्रुखाबाद। (Farrukhabad Lok Sabha Election) आजादी के बाद से अब तक 72 साल के इतिहास में फर्रुखाबाद ने राजनीति के कई रंग देखे। समाजवादी नेता लोहिया ने यहां चुनाव लड़कर कांग्रेस का किला तोड़ा। इमरजेंसी के खिलाफ खड़ी हुई जनता पार्टी से आरएसए से जुड़े दयाराम शाक्य ने परचम लहराया।
वीपी सिंह की लहर में पत्रकार संतोष भारती चुनाव जीते। राममंदिर आंदोलन के दौर में साक्षी महाराज ने दो बार चुनाव जीता। पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने दो बार लोकसभा में जिले का प्रतिनिधित्व किया। इस दौरान एक चुनाव ऐसा भी आया जब लोकसभा चुनाव की पूरी राजनीति कायमगंज के छोटे से गांव पितौरा में सिमट कर रह गई।
दो कद्दावर नेता थे आमने-सामने
हुआ यूं कि वर्ष 1991 के चुनाव में इस गांव के दो कद्दावर प्रत्याशी आमने-सामने थे। एक ओर कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री खुर्शीद आलम के बेटे कैंब्रिज से पढ़ाई पूरी कर लौटे सलमान खुर्शीद थे तो दूसरी ओर सपा के अंगूठा टेक लेकिन जमीन से जुड़े नेता अनवार खां।
युवा सलमान खुर्शीद जनपद स्तर तक के किसी मामले में हस्तक्षेप को अपनी तौहीन समझते थे। वहीं, राजनीति के बूढ़े शेर अनवार खां छोटे से छोटे कार्यकर्ता के लिए दारोगा तक से भिड़ जाने को राजी रहते।
अनवार खां के बारे में मशहूर था, वह याद रखते कि किस मामले का कागज किस अंगुली में दबा है। अफसर के सामने पैरवी के दौरान कागज रखते समय उनसे कभी चूक नहीं हुई। कांटे की टक्कर हुई, जिसमें सलमान खुर्शीद 38,150 वोटों से चुनाव जीत गए। अनवार खां दूसरे नंबर पर रहे।
फर्रुखाबाद लोकसभा सीट
जनपद से अब तक निर्वाचित सांसद
वर्ष सांसद पार्टी
1952 मूल चंद्र दुबे कांग्रेस
1957 मूल चंद्र दुबे कांग्रेस
1962 मूल चंद्र दुबे कांग्रेस
1963 राम मनोहर लोहिया संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (उप चुनाव)
1967 अवधेश चंद्र सिंह राठौर कांग्रेस
1971 अवधेश चंद्र सिंह राठौर कांग्रेस
1977 दया राम शाक्य जनता पार्टी
1980 दया राम शाक्य जनता पार्टी
1984 खुर्शीद आलम खां कांग्रेस
1989 संतोष भारतीय जनता दल
1991 सलमान खुर्शीद कांग्रेस
1996 सच्चिदानंद हरि साक्षी भाजपा
1998 सच्चिदानंद हरि साक्षी भाजपा
1999 चंद्र भूषण सिंह सपा
2004 चंद्र भूषण सिंह सपा
2009 सलमान खुर्शीद कांग्रेस
2014 मुकेश राजपूत भाजपा
2019 मुकेश राजपूत भाजपा
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