टूटे स्लीपरों पर दौड़तीं सुपर फास्ट ट्रेनें
जागरण संवाददाता, इटावा : रेलवे ट्रैक पर गड़बड़ी होने से आएदिन रेल हादसे होने के बावजूद इस ओर सजगता
जागरण संवाददाता, इटावा :
रेलवे ट्रैक पर गड़बड़ी होने से आएदिन रेल हादसे होने के बावजूद इस ओर सजगता नहीं बरती जा रही है। इटावा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर अप ट्रैक पर करीब एक दर्जन स्लीपर टूटे होने तथा पैनड्राल गायब होने के बावजूद राजधानी सहित कई सुपरफास्ट ट्रेनें दौड़ रही हैं।
हावड़ा से दिल्ली रेलवे ट्रैक काफी व्यस्त ट्रैक माना जाता है। कानपुर से टूंडला के मध्य इस ट्रैक पर 24 घंटे में करीब 280 से 300 ट्रेनें पास होती हैं। स्टेशन के मध्य नॉन स्टाप ट्रेन को सौ किमी की रफ्तार से पास करने के निर्देश हैं इसके बावजूद कई सुपर फास्ट ट्रेनें सौ किमी प्रति घंटा की स्पीड से ज्यादा से पास होती हैं। स्टेशन पर टीसी कक्ष के सामने दो-तीन स्लीपर छोड़कर पांच स्लीपर इससे थोड़ी दूरी पर इसी तरह आठ स्लीपर टूटे नजर आए। कई टूटे हुए स्लीपरों से पैनड्राल यानी स्लीपर और रेलवे पटरी को कसकर रखने वाली जलेबी के आकार की चाबियां तक गायब हैं। रेलवे सूत्रों के मुताबिक यह हालत बीते 4-5 दिनों से नजर आ रही है परंतु इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। रेलवे ट्रैक की सुरक्षा और सजगता की यह हालत रेलवे स्टेशन पर है, इससे निर्जन क्षेत्र में ट्रैक की निगरानी पर सवालिया निशान लग गया है। पुखरायां, रूरा रेल हादसों के बाद कुछ दिनों तक ही ट्रैक की निगरानी पर खासी सतर्कता बरती गई।
कोई फर्क नहीं पड़ता
ट्रैक के स्लीपर टूटने से कोई फर्क नहीं पड़ता है, पटरी काफी कसी हुई रहती है। टूटे हुए स्लीपरों को समय-समय पर बदल दिया जाता है। समूचे ट्रैक की अनवरत निगरानी की जा रही है।-एसएन यादव, वरिष्ठ खंड अभियंता रेल पथ।