Deoria Lok Sabha: भाजपा ने युवा चेहरे पर जताया भरोसा, शशांक मणि बने देवरिया लोकसभा सीट से प्रत्याशी, विरासत में मिली है राजनीति
Shashank Mani tripathi शशांक की मां शशि त्रिपाठी भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। दो लड़कियां तारीणि ईशा पत्नी गौरी मणि जानी -मानी कथक कलाकार हैं। शशांक मणि त्रिपाठी दो भाई हैं। पिता सेवानिवृत्त उप थल सेनाध्यक्ष व लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी देवरिया सीट भाजपा से दो बार सांसद रहे हैं। इनकी राजनीतिक पृष्ठिभूमि रही है। इनके इन्होंने 2004 में भाजपा की सदस्यता ली।
महेंद्र कुमार त्रिपाठी, देवरिया। Deoria Lok Sabha Seat बहुप्रतीक्षित लोकसभा सीट देवरिया पर भाजपा ने मंगलवार को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। वर्तमान सांसद डा.रमापति राम त्रिपाठी का टिकट काट युवा चेहरा शशांक मणि त्रिपाठी पर भरोसा जताया है। दस वर्ष के बाद स्थानीय प्रत्याशी को मौका दिया है।
2014 कलराज मिश्र तो 2019 में डा.रमापति राम त्रिपाठी को मैदान में उतार भाजपा ने जीत दर्ज की। 10 वर्ष बाद भाजपा ने एक बार फिर स्थानीय व युवा चेहरा पर विश्वास किया है।
सदर तहसील के बैतालपुर के निकट बरपार गांव के रहने वाले 55 वर्षीय शशांक मणि त्रिपाठी आइआइटी दिल्ली से बीटेक व आइएमडी लूसान से एमबीए हैं। स्वावलंबी भारत अभियान केंद्रीय टोली के नीति प्रमुख हैं।
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इनकी तीन पुस्तकें मिडिल ऑफ डॉयमंड इंडिया, भारत एक स्वार्णिम यात्रा व इंडिया काफी चर्चित हैं। 2008 में शशांक मणि ने जागृति यात्रा की शुरूआत की। आगे चलकर अपने गांव बरपार में जागृति उद्यम केंद्र पूर्वांचल की नींव रखी।
ये है इनकी राजनीतिक विरासत
शशांक की मां शशि त्रिपाठी भी सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। दो लड़कियां तारीणि, ईशा, पत्नी गौरी मणि जानी -मानी कथक कलाकार हैं। शशांक मणि त्रिपाठी दो भाई हैं।
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पिता सेवानिवृत्त उप थल सेनाध्यक्ष व लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी देवरिया सीट भाजपा से दो बार सांसद रहे हैं। इनकी राजनीतिक पृष्ठिभूमि रही है। इनके इन्होंने 2004 में भाजपा की सदस्यता ली। इनके पिता 2009 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े। इनके बड़े पिता श्रीनिवास मणि त्रिपाठी उर्फ श्री बाबू गौरीबाजार से दो बार विधायक थे।
इनके दादा सुरति नारायण मणि त्रिपाठी कई जिलों के डीएम रहे। उसके बाद संपूर्णानंद संस्कृत विवि में कुलपति बने थे। उसके बाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से दो बार एमएलसी भी थे। इनके चाचा श्रीविलास मणि त्रिपाठी सेवानिवृत्त डीजीपी हैं।
हमेशा स्वरोजगार व स्वावलंबी पर रहा इनका जोर
शशांक मणि त्रिपाठी हमेशा कुछ नया करते रहे हैं। 16 वर्षों से जागृति यात्रा का संचालन कर रहे हैं। 8 हजार युवाओं की टोली उसमें शामिल हो चुकी है। 2023 में जी20 और स्टारटप 20 के साथ उनकी साझेदारी भी रही।