झोपड़ी में सो रही थीं जुड़वांं मासूम, अचानक लगी आग तो एक निकलकर भागी, दूसरी जलकर हुई खाक
उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक झोपड़ी में जुड़वां बच्चियां सो रही थीं। अचानक झोपड़ी में आग लग गई। आग की लपटे निकलता देख आसपास के लोग पहुंच गए और आग बुझाने में जुट गए। एक बच्ची झोपड़ी से बाहर निकल गई लेकिन एक अंदर ही रह गई। इसकी भनक लोगों को भी नहीं लगी।
जागरण संवाददाता, बनकटा। Fire In Deoria श्रीरामपुर के पड़री गांव में सोमवार की शाम अचानक झोपड़ी में लगी आग से तीन वर्षीय मासूम झुलस गई। उपचार के लिए महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया, जहां देर रात उपचार के दौरान मासूम की मृत्यु हो गई। सूचना पर एसडीएम हरिशंकर लाल समेत अन्य अधिकारी गांव पहुंचे और परिवार को सांत्वना देने के साथ ही आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया।
गांव के देवानंद के परिवार के लोग शाम को आराम कर रहे थे। बच्चे खेल रहे थे। देवानंद की तीन वर्षीय दो जुड़वां बेटियां प्रिया व प्रीति झोपड़ी में साे रही थीं। अचानक झोपड़ी में आग लग गई। आग की लपटे निकलता देख आसपास के लोग पहुंच गए और आग बुझाने में जुट गए। प्रीति झोपड़ी से बाहर निकल गई, लेकिन प्रिया अंदर ही रह गई।
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इसकी भनक किसी को नहीं लगी। आग बुझाने के बाद जब लोग प्रिया को ढूंढने लगे तो झोपड़ी की राख में मिली और पूरी तरह से झुलस गई थी। उपचार के लिए प्रिया को महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज पहुंचाया गया, जहां देर रात उपचार के दौरान उसकी मृत्यु हो गई।
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बेटी के शव देख बेहोश हो जा रही मां पूनम
बेटी के शव को देख पूनम बेहोश होकर मौके पर ही गिर गई। गांव के लोगों ने पानी का छींटा मारकर होश में लाया, लेकिन पूनम अपने बेटी के खोने के गम को सहन नहीं कर पा रही थी और अपने गोद में जली बच्ची का शव लेकर रोते-रोते बेहोश हो जा रही। पूनम को रोता देख वहां मौजूद गांव के लोगों की आंखें भर गई थी।
एसडीएम ने किया आर्थिक मदद
घटना की सूचना मिलते ही एसडीएम हरिशंकर लाल, नायब तहसीलदार डा.भागीरथी गांव पहुंचे और परिवार के लोगों से मुलाकात की। साथ ही कोटेदार से राशन का प्रबंधन किया। एसडीएम ने अन्य मदद दिलाने का आश्वासन परिवार के लोगों को दिया।