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पूर्वांचल से सिर्फ छह महिलाएं ही पहुंची लोकसभा, फूलन देवी भी इसी लिस्ट में; इस बार क्या हैं समीकरण

Lok Sabha Election 2024 आजादी के बाद से अब तक हुए लोकसभा चुनावों में पूर्वांचल से केवल छह महिला सांसद ही बनीं। यह मौका केवल चंदौली आजमगढ़ व मीरजापुर को मिला। इसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री रहीं मोहसिना किदवई सपा की फूलन देवी पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी की बहू चंद्रा त्रिपाठी और अपना दल अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल शामिल हैं।

By Aysha Sheikh Edited By: Aysha Sheikh Published: Tue, 09 Apr 2024 02:10 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2024 02:10 PM (IST)
पूर्वांचल से सिर्फ छह महिलाएं ही पहुंची लोकसभा, फूलन देवी भी इसी लिस्ट में; इस बार क्या हैं समीकरण

उदयनाथ शुक्ल, चंदौली। आधी आबादी की भूमिका पूर्वांचल में लोकसभा के लिहाज से काफी कम रही है। आजादी के बाद से अब तक हुए लोकसभा चुनावों में पूर्वांचल से केवल छह महिला सांसद ही बनीं। यह मौका केवल चंदौली, आजमगढ़ व मीरजापुर को मिला। इसमें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता व केंद्रीय मंत्री रहीं मोहसिना किदवई, सपा की फूलन देवी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी की बहू चंद्रा त्रिपाठी और अपना दल अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल शामिल हैं।

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वाराणसी, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, मछलीशहर, भदोही व राबर्ट्सगंज से किसी महिला को लोकसभा पहुंचने का मौका नहीं मिला। अब तक जिन सीटों के लिए भाजपा, सपा ने अपने प्रत्याशी घोषित किए हैं। उनमें एक भी महिला उम्मीदवार का नाम नहीं। ऐसे में आधी आबादी की भागीदारी की कल्पना बेमानी है। हालांकि बसपा ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं।

चंदौली ने चंद्रा त्रिपाठी को बनाया था सांसद

पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी परिवार की बहू चंद्रा त्रिपाठी 1984 के लोकसभा चुनाव में चंदौली सीट से कांग्रेस से दावेदारी की। लोगों ने 2.15 लाख मत देकर उन्हें विजयी बनाया। इसके बाद वर्ष 1989 का चुनाव वह हार गईं।

आपातकाल के बाद मोहसिना ने हासिल की जीत

आपातकाल के बाद घोर विरोध के बीच पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1978 के लोकसभा चुनाव से पहले खुद की पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आइ) का गठन किया। उन्होंने आजमगढ़ से लघु उद्योग मंत्री रहीं मोहसिना किदवई को चुनाव मैदान में उतारा। जनता पार्टी की लहर के बावजूद उस दौर में मोहसिना को जिताने के लिए इंदिरा गांधी ने खुद मोर्चा संभाला था। मोहसिना 1.31 लाख से अधिक मत पाकर पहली महिला सांसद निर्वाचित हुईं थीं।

बीहड़ों से संसद तक फूलन का सफर

मुलायम सिंह यादव ने फूलन देवी को जेल से रिहा कराया। मुकदमा वापस लेकर 1996 के चुनाव में मीर्जापुर-भदोही सीट से उतारा। मुलायम ने स्वयं प्रचार किया। फूलन चंबल के बीहड़ों से निकलकर संसद तक पहुंच गईं। वह 1999 में भी सांसद चुनी गईं। अनुप्रिया पटेल भी चुनाव जीतकर दो बार से सांसद हैं।

लालगंज सीट पर दो बार से है कब्जा

आजमगढ़ की लालगंज सीट पर 2014 से आधी आबादी का कब्जा है। पहली बार यहां भाजपा की नीलम सोनकर 3.24 लाख मत पाकर विजयी हुईं। 2019 के चुनाव में इस सीट पर बसपा की संगीता आजाद निर्वाचित हुईं। उन्होंने भाजपा की नीलम सोनकर को हराया था। हालांकि अब वह भाजपा से जुड़ चुकी हैं।

पूर्वांचल में अब तक चुनी गईं सांसद


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