Lok Sabha Election: तपती गर्मी के साथ चढ़ने लगा पूर्वांचल में सियासी पारा, क्या कहते हैं भाग्य विधाता, पढ़िए ये खास रिपोर्ट
बढ़ती गर्मी के साथ पूर्वांचल में सियासी पारा भी चढ़ने लगा है। प्रत्याशियों के चुनाव को लेकर मतदाता आरेख लगभग खींच चुका है। विकास के पैमाने पर तो कुछ इतिहास के पन्ने खोलकर प्रत्याशियों के भाग्य बांचने लगे हैं। सत्ताधारी दल भाजपा के विकास कार्यों को सभी मान रहे पर खोट निकालने से भी नहीं चूक रहे हैं। चंदौली के मतदाताओं का मिजाज बताती वाराणसी से विकास ओझा की रिपोर्ट...
जागरण संवाददाता, चंदौली/वाराणसी। घोरेश्वर संत किनाराम की जन्मभूमि चंदौली की उर्वरा भूमि ही यहां का सबसे बड़ा उद्यम है। धान के लिए देश दुनिया में प्रसिद्ध यह क्षेत्र इस समय राजनीति को लेकर सुर्खियों में है। ढाब क्षेत्र के गंगा किनारे के अंतिम पड़ाव मोकलपुर तक की 25 किलोमीटर की इस यात्रा के बीच लोगों ने राजनीति पर खुलकर बात की तो कुछ ऐसे भी थे जो बोलने से परहेज करते दिखे।
राजापुर में मिठाई की छोटी सी दुकान चलाने वाले अलगू से पूछा, चुनाव का क्या माहौल है? नपातुला जवाब, भइया सबके टैंपो हाई हव। कुरेदने पर कहा कि आप दुनिया भर के विकास की बात करते हैं, जरा सामने देखिए, आठ साल से सड़क जस की तस है। सड़क पर पानी लगा है पर किसी ने सुधि नहीं ली। रामचंदीपुर में तपिश के बीच पेड़ की छांव में बैठे आधा दर्जन लोगों की पहले से चुनावी चर्चा चल रही थी।
गरमा−गरम चर्चा
गरमा-गरम चर्चा में जब सवाल किया कि भाजपा ने बहुत काम किया है, इस बार क्या स्थिति रहेगी? गुस्से में महेंद्र बोले-ढाब में सत्ता से ज्यादा आपको विपक्ष के काम दिखाई देंगे। लालटेन की रोशनी में जिंदगी बसर करने वाले इस क्षेत्र में बिजली के तार, आवागमन की सुविधा विपक्ष की ही थाती है। सत्ता पक्ष का कार्य आप ढूंढ़ कर बताइएगा।
चाय की दुकान पर बोले...
राजनारायण ने भी इनकी बात में हामी भरी। आगे जाल्हूपुर में चाय की दुकान पर पहले से बैठे शिवधनी ने कहा, घर-घर पेयजल पाइप लाइन सुविधा, गरीबों को आवास, बिजली पोल पर लाइट और मुफ्त में अनाज इसी सरकार ने दिया है। रिंग रोड, हाईवे भी इसी सरकार की देन है। शिवमूरत सिंह ने कहा- भइया, नवजवानों को नौकरी नहीं मिल रही। महंगाई इतनी बढ़ गई, लेकिन इसकी कोई बात ही नहीं कर रहा। जब आपका और हमारा विकास नहीं तो कैसा विकास...।
हौसिला प्रसाद ने महंगाई पर तो हामी भरी पर विकास के मामले में सरकार की जमकर तारीफ भी की। बोले, जहां तक रोजगार की बात है, सरकारी नौकरी तो है नहीं.. । बच्चों में कौशल है तो हाथ में काम है। आप अपने आसपास देख लीजिए, कितने बच्चे लाखों रुपये के पैकेज में प्राइवेट फर्मों में काम कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने पूर्वांचल को पिछड़े से अगड़े में खड़ा कर दिया, वरना लोग टूटी-फूटी सड़कों पर रेंग रहे थे।
ढाब के रामचंदीपुर, रामपुर, गोबरहा में पेयजल पाइप लाइन दिखी पर कहीं चालू तो कहीं बंद। आवास भले कच्चे-पक्के हों पर शौचालय घर-घर नजर आया। यह अलग बात है कि कहीं कंडा तो कहीं सरपत का बोझ पड़ा था। इन गांवों में विकास की यात्रा का इंतजार दिखा।
गंगा किनारे का अंतिम गांव है मोकलपुर
गंगा किनारे के अंतिम गांव मोकलपुर के बाद जब कुकुड़हा से अंबा पहुंचे तो एक गली में रंगीन चौका आकर्षित कर रहा था। वहीं गंगा सोता पार करने के लिए रेत पर लोहे की बिछी प्लेट व जाल्हूपुर में बंद पशु-शवदाह गृह और बिना रास्ता के निर्मित कूड़ा निस्तारण केंद्र मुंह चिढ़ाते दिखे। चंदौली संसदीय क्षेत्र के शिवपुर विधानसभा क्षेत्र में यही अहसास हुआ कि इस क्षेत्र में प्रत्याशियों के बीच जोरदार लड़ाई होगी। अनवरत जारी विकास की यात्रा में विश्वास की परीक्षा होनी तय है।