कल ही निपटा लें शादी, पूजन व गृह प्रवेश समेत सभी मांगलिक कार्य, वरना एक महीने तक नहीं है कोई शुभ मुहूर्त; नहीं गूंजेंगी शहनाई
पंडित देवेश शुक्ल ने बताया कि 23 वर्ष बाद शुक्र के अस्त होने से मई व जून में शहनाई नहीं गूंजेगी। बताया कि सन 2000 में भी मई और जून में विवाह मुहूर्त नहीं थे। शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह का आयोजन नहीं हो सके थे। इस साल भी यही स्थित है। शुक्र के उदित होने के बाद ही जुलाई में मुहूर्त शुरू होंगे।
जागरण संवाददाता, चंदौली। एक माह के लिए मांगलिक कार्यों पर विराम लगने वाला है। 14 मार्च को सूर्य के मीन राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी। ऐसे में 13 अप्रैल तक मांगलिक कार्य नहीं हो सकेंगे। इस अवधि में पूजा-पाठ और हवन तो किए जा सकते हैं, लेकिन किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कार्य नहीं किए जा सकते।
हृषीकेश के पंचांग के अनुसार, भगवान सूर्य कुंभ राशि से निकलकर 14 मार्च की रात 12:24 बजे मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इसके साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी। सूर्य मीन राशि में 13 अप्रैल की रात 9:03 बजे तक रहेंगे और इसके बाद वह मेष राशि में प्रवेश करेंगे। इसके बाद खरमास का समापन हो जाएगा।
खरमास में शादी-विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश के काम नहीं किए जा सकते हैं। पंडित देव शरण त्रिपाठी के अनुसार, खरमास में सूर्य अपने गुरु गृह की सेवा में होते हैं। इसके कारण शुभ कार्यों पर सूर्य का प्रभाव कम हो जाता है। खरमास में विवाह, मुंडन समारोह और गृह प्रवेश पर रोक लग जाती है। बताया कि वर्ष में दो बार खरमास लगता है। एक बार सूर्य जब धनु राशि में प्रवेश करते हैं और दूसरा जब सूर्य मीन राशि में प्रवेश करते हैं।
मई और जून में नहीं गूंजेगी शहनाई
पंडित देवेश शुक्ल ने बताया कि 23 वर्ष बाद शुक्र के अस्त होने से मई व जून में शहनाई नहीं गूंजेगी। बताया कि सन 2000 में भी मई और जून में विवाह मुहूर्त नहीं थे। शुक्र के अस्त होने के कारण विवाह का आयोजन नहीं हो सके थे। इस साल भी यही स्थित है। शुक्र के उदित होने के बाद ही जुलाई में मुहूर्त शुरू होंगे।