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Lok Sabha Election: यूपी के इस सीट पर 'झटपट' में फंसी 385 मतदान स्थलों की बिजली, शौचालय अधूरे, यहां पढ़‍िए बूथों की पड़ताल

Lok Sabha Election दुबौलिया ब्लाक के आराजी डूही धरमूपुर मुस्तहकम गांव के लोग नाव की सवारी कर लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लिए थे। इस बार भी नाव का ही सहारा है। यहां लगभग 2200 मतदाता हैं जिसमें सरयू नदी के दक्षिण भी करीब ढाई सौ मतदाता निवास करते हैं। जहां से आवागमन के लिए कोई रास्ता न होने के बावजूद लोग नाव पर सवार होकर वोट डालने पहुंचते हैं।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Fri, 05 Apr 2024 04:00 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2024 04:00 PM (IST)
Lok Sabha Election वोट डालने के लिए करीब छह किलोमीटर दूर सरयू नदी को पार कर आना पड़ता है।

 बस्ती लोक सभा सीट पर चुनाव के उत्सव की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। 25 मई को मतदान होना है। निर्वाचन प्रक्रिया में लगे अधिकारी एक-एक कमियों को दूर करने में जुटे हैं। चुनाव के 15 दिन पहले तक सभी मतदान केंद्रों को ठीक कर लेना है। लेकिन अभी बूथों की स्थिति ठीक नहीं है। कहीं शौचालय अधूरे हैं तो कहीं मतदान केंद्रों पर पानी और बिजली की किल्लत बनी हुई है। कहीं गंदगी की भरमार है तो कहीं चहारदीवारी टूटी हुई है।

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जिला निर्वाचन अधिकारी अन्द्रा वामसी सभी बूथों का स्थलीय सत्यापन करा रहे हैं। पांच दिनों में इसकी रिपोर्ट सौंप देनी है। बीएसए और जिला पंचायत राज अधिकारी को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह कमियों को ठीक करा दें, जिससे मतदान के समय किसी को कोई परेशानी न हो। मतदान स्थलों की तैयारी को लेकर जमीनी हकीकत बताती ब्रजेश पांडेय की रिपोर्ट....

पिछली बार दुबौलिया ब्लाक के आराजी डूही धरमूपुर मुस्तहकम गांव के लोग नाव की सवारी कर लोकतंत्र के पर्व में हिस्सा लिए थे। इस बार भी नाव का ही सहारा है। यहां लगभग 2200 मतदाता हैं, जिसमें सरयू नदी के दक्षिण भी करीब ढाई सौ मतदाता निवास करते हैं। जहां से आवागमन के लिए कोई रास्ता न होने के बावजूद लोग नाव पर सवार होकर वोट डालने मतदान केंद्र पहुंचते हैं।

गांव के राजबली, मायाराम, दयाराम, शिवप्रसाद, रामलखन, रामनरायन आदि ने बताया कि सरयू नदी कटान करती हुई उत्तर की तरफ बढती हुई तटबंध के किनारे आ गई, जबकि हम लोगों का गांव कटने के बाद नदी के दक्षिण बस गए। पहले यह एहतमाली ग्राम पंचायत के नाम से जाना जाता था लेकिन कटान के बाद ज्यादातर लोग अंबेडकर नगर, अयोध्या एवं बस्ती जिले अन्य गावों में जाकर बस गए। अन्य लोगाें को धरमूपुर मुस्तहकम में जोड़ दिया गया।

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ग्रामीणों का कहना है कि वोट डालने के लिए करीब छह किलोमीटर दूर सरयू नदी को पार कर आना पड़ता है। मतदान के दिन कुछ मतदाता घरों से निकलकर पैदल नदी तक आते हैं। कुछ सेरवाघाट घाट होकर दोपहर बाद मतदान केन्द्र तक पहुंचते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 2011 जनगणना के अनुसार 491 की आबादी होने के चलते एहतमाली ग्राम पंचायत को खत्म कर आराजी डूही में जोड़ दिया गया लेकिन मतदाता सूची में सूची का संशोधन ना होने के कारण आज भी मतदान प्रतिशत जिले में सबसे कम है। इसलिए बूथ पर मतदान प्रतिशत 33 प्रतिशत तक सिमट जाता है।

सल्टौआ विकास खंड के अमरौली शुमाली के टोला रामनगर में स्थित कंपोजिट विद्यालय में पांच मतदान केंद्र बनाए गए हैं। अमरौली खास, करीमनगर एवं मधुवन टोला के लोगों को तीन से चार किमी दूर चलकर मतदान करने आना पड़ता है। लोगों का कहना है कि ग्राम पंचायत में प्राथमिक विद्यालय शिवा को भी मतदान केंद्र बना दिए जाने से इन टोलों के लोगों को अपना वोट डालने में सहूलियत होगी।

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रुधौली के मतदान केंद्र संख्या 128 प्राथमिक विद्यालय करायन पर पिछले छह वर्ष से बिजली आपूर्ति ठप है। आंधी के दौरान चार पोल क्षतिग्रस्त हो गए थे। ग्राम प्रधान के कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी विभाग द्वारा पोल नहीं बदला गया। प्रधान द्वारा इस बात की शिकायत दो बार जिलाधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर भी की जा चुकी है।

शिकायत के बाद विभाग द्वारा पोल तो बदलवा दिया गया। लेकिन अभी तक ट्रांसफार्मर नहीं लगवाया गया है, जिसके चलते आपूर्ति शुरू नहीं हो सकी है। प्रधान प्रतिनिधि राम सागर चौधरी ने बताया कि विद्यालय के साथ, पंचायत भवन एवं सामुदायिक शौचालय की भी आपूर्ति ठप है। एसडीएम आशुतोष कुमार तिवारी का कहना है अवर अभियंता को जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर लगवाने का निर्देश दिया गया है। चुनाव पूर्व सभी मतदान केंद्रों की कमियां दूर करा दी जाएंगी।

रुधौली में टूटी चहारदीवारी, रैंप की भी व्यवस्था नहीं

रुधौली के बूथ संख्या 334 सर्वोदय इंटर कालेज नेवादा की स्थिति विद्यालय की बाउंड्रीवाल टूटी पड़ी है। बिजली की व्यवस्था नहीं है। शौचालय रैंप समेत की भी व्यवस्था नहीं है। वही ग्राम प्रधान सुहेल अहमद ने बताया इस विद्यालय से बूथ हटाकर प्राथमिक विद्यालय को बूथ बनाने के लिए उपजिलाधिकारी को पत्राचार किया था, लेकिन बूथ बदला नहीं गया। जबकि प्राथमिक विद्यालय भिटिया कला में बना बूथ संख्या 431 में बिजली की व्यवस्था नहीं हो पाई है।

प्राथमिक विद्यालय नटाई कल बूथ संख्या 431 में भी बिजली की व्यवस्था नहीं है। प्राथमिक विद्यालय विद्यालय अरदा बूथ संख्या 319 में भी बिजली की व्यवस्था नहीं हो पाई है। दुबौलिया विकास क्षेत्र में बनाए गए मतदान केद्र बेमहरी में शौचालय का निर्माण कार्य अभी चल रहा है। वहीं तिघरा, देवखर,दलपतपुर तथा लक्ष्मणपुर में मतदान केंद्रों की चहारदीवारी सही नहीं हैं। बंजरियासूवी में स्थित प्राथमिक विद्यालय को बनाए गए मतदान केंद्र में लगा हैंडपंप दूषित पानी दे रहा है। वहीं शौचालय का दरवाजा भी टूटा है।

विद्यालयों में विद्युतीकरण पर खर्च होंगे डेढ़ करोड़

जिले के 385 परिषदीय विद्यालय ऐसे हैं, जिनमें अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। जबकि झटपट पोर्टल पर बिजली के लिए आवेदन हो चुके हैं। यह सभी मतदेय स्थल हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी अन्द्रा वामसी ने चुनाव के 15 दिन पहले इन स्थानों पर बिजली पहुंचाने का निर्देश दिया है। शिक्षा विभाग की तरफ से बिजली विभाग को एक करोड़ 67 लाख 88 हजार रुपये अवमुक्त कर दिया गया है।

14 विकास खंडों में 164 विद्यालय ऐसे हैं, जिनकी पोल से दूरी 40 मीटर से कम है। इनके विद्युतीकरण पर 12 लाख 36 हजार रुपये खर्च होंगे। वहीं 221 विद्यालय ऐसे हैं जिनकी पोल से दूरी 40 मीटर से अधिक है। इनके विद्युतीकरण पर एक करोड़ 55 लाख 52 हजार रुपये खर्च होंगे। सबसे अधिक बनकटी विकास खंड के 70 विद्यालयों पर बिजली नहीं पहुंची है। दुबौलिया के 42, हरैया के 41, गौर के 38, विक्रमजोत के 34, परशुरामपुर के 26, कुदरहा के 21, बस्ती सदर के 19, रूधौली के 17, साऊघाट एवं बहादुरपुर के 16-16 विद्यालय विद्युतीकरण से अछूते हैं।

मतदेय स्थलों पर गंदगी, सफाई जरूरी वैसे तो जिले के अधिकांश मतदेय स्थल ठीक हैं। जिन विद्यालयों का कायाकल्प हो चुका है, वहां तो कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां बदहाली है। ग्राम पंचायत भैंसहा में सामुदायिक शौचालय बहुत ही अच्छा बना है, लेकिन अभी कार्य पूरा नहीं हो सका है। अंदर गंदगी पसरी हुई है।

ग्राम पंचायत चौबाह में संचालित प्राथमिक विद्यालय पचगावा में शौचालय ध्वस्त है। लालगंज क्षेत्र के रौतापार में शौचालय में पानी की व्यवस्था न होने से पानी बाहर से भरकर लाना पड़ता है। यहां भी गंदगी बनी हुई है। यहां यूरिनल में गंदगी पसरी हुई है। हर्रेया के ग्राम पंचायत त्रिुगुनौता में दिव्यांग शौचालय ठीक है, हालांकि यहां ताला बंद रहता है।जब जरूरत होती है तभी ताला खोला जाता है।


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