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Lok Sabha Election: यूपी की इस लोकसभा सीट पर 'हाथी' का 'महावत' तय करेगा कितनी रोचक होगी लड़ाई, जानिए किसके साथ है लड़ाई

भाजपा से दो बार के सांसद हरीश द्विवेदी का टिकट पहली ही लिस्ट में फाइनल हो गया। टिकट घोषित होने के बाद लगाए जा रहे तमाम कयासों पर भी विराम लग गया। हरीश द्विवेदी की पिछले चुनाव में सपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री रामप्रसाद चौधरी से कड़ी टक्कर हो चुकी है। उस चुनाव में चौधरी सपा व बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे।

By Jagran News Edited By: Vivek Shukla Published: Tue, 09 Apr 2024 11:38 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2024 11:38 AM (IST)
भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी का टिकट पहली ही लिस्ट में फाइनल हो गया।

 ब्रजेश पांडेय , बस्ती। Lok Sabha Election कभी कांग्रेस का गढ़ और बाद में बसपा का आंगन बने बस्ती लोक सभा सीट पर पिछले एक दशक से भाजपा का कमल खिल रहा है। पिछली बार की तरह इस बार भी ‘हाथी’ का ‘महावत’ तय करेगा कि लड़ाई कितनी रोचक होगी। सियासत की लड़ाई में खेमेबाजी और ड्रामेबाजी दोनों चल रही है।

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कोई किसी की राजनीतिक रसूख का प्रयोग कर रहा तो कोई चुनावी बिसात पर मोहरें बिछाने में जुटा है। भाजपा से दो बार के सांसद हरीश द्विवेदी का टिकट पहली ही लिस्ट में फाइनल हो गया। टिकट घोषित होने के बाद लगाए जा रहे तमाम कयासों पर भी विराम लग गया।

हरीश द्विवेदी की पिछले चुनाव में सपा के प्रत्याशी पूर्व मंत्री राम प्रसाद चौधरी से कड़ी टक्कर हो चुकी है। उस चुनाव में चौधरी सपा व बसपा गठबंधन के प्रत्याशी थे। उन पर सपा ने इस बार भी भरोसा जताया है। दोनों दिग्गज एक बार फिर आमने-सामने हैं। अपने तीन विधायकों के बल पर चौधरी लड़ाई को दिलचस्प बनाने की कोशिश में जुटे हैं। उनकी पार्टी का इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन है।

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पिछली बार कांग्रेस से ताल ठोंकने वाले कद्दावर नेता राज किशाेर सिंह ने अपना पत्ता अभी तक नहीं खोला है। उनकी प्रत्याशिता को लेकर अभी भी कयासों का दौर जारी है। बस्ती सीट पर भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष दयाशंकर मिश्र हाथी के महावत बन सकते हैं। दयाशंकर भाजपा से बगावत कर बसपा के साथ गए हैं।

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शुक्रवार को बसपा ने उन्हें लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाया है। सूत्रों के अनुसार दो दिन पहले बसपा की अयोध्या में हुई बैठक में इनके नाम पर सहमति बनी थी। भाजपा के एक और पूर्व पदाधिकारी भी इनका समर्थन कर रहे हैं।

वह ब्राह्मण मतदाताओं में सेंध लगाने का प्रयास कर सकते हैं। दयाशंकर मूल रूप से हर्रैया विधान सभा क्षेत्र के रहने वाले हैं, जहां से भाजपा के ही अजय सिंह विधायक हैं। उनके आने से अजय सिंह के लिए भी यह चुनाव ताकत साबित करने की परीक्षा से कम नहीं होगा।


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