Move to Jagran APP

UP Politics: लोकसभा चुनाव में नेताओं के दल बदलने का दौर जारी, वोटों की ताकत बताकर जगह बनाने में जुटे दलबदलू

लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद चुनाव प्रचार में तेजी आई है। प्रत्याशी जनसंपर्क कर अपने पक्ष में मतदान की अपील के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। प्रचार के बीच पार्टी के कद्दावर नेताओं के दल बदलने का दौर भी जारी है। इससे सभी दलों में बेचैनी है। पढ़िए पूरी खबर -

By Vishnu Shukla Edited By: Shivam Yadav Published: Tue, 23 Apr 2024 08:51 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2024 08:51 PM (IST)
अपनी मजबूती के लिए दूसरे दलों में सेंधमारी जारी।

जागरण संवाददाता, बांदा। लोकसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की घोषणा के बाद चुनाव प्रचार में तेजी आई है। प्रत्याशी जनसंपर्क कर अपने पक्ष में मतदान की अपील के लिए दिन रात एक कर रहे हैं। 

loksabha election banner

प्रचार के बीच पार्टी के कद्दावर नेताओं के दल बदलने का दौर भी जारी है। इससे सभी दलों में बेचैनी है। सालों की मेहनत के बाद पार्टी में अपनी भूमिका से असंतुष्ट नेता दूसरे दलों में अपने समाज व वोटों की ताकत बताकर अपने लिए जगह बनाने में जुटे हुए हैं।

भाजपा में आने वालों की संख्या ज्यादा

राजनीति में दल बदलकर दूसरी पार्टियों में जगह तलाशने वालों का सिलसिला शुरू हो गया है। लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद जनपद में तमाम कद्दावर नेता अपने पुराने दल को छोड़ दूसरी पार्टियों को मजबूती देने में जुट गए हैं। 

भाजपा में दूसरे दलों से आने वाली की संख्या सबसे ज्यादा है। 10 वर्षों से केंद्र तथा सात सालों से प्रदेश में भाजपा की सरकार होने के बाद दूसरे दलों ज्यादा कुछ करने को बचा नहीं है। 

इसी विचारधारा के चलते राजनीतिक चेहरे भाजपा में शामिल होने को आतुर दिख रहे। इसमें वह अपना भविष्य सुरक्षित देख रहें है। पिछले एक माह में भाजपा में हजारों की संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए हैं। इनके साथ अन्य दलों के कद्दावर नेता जिनका क्षेत्र में रुतबा था, वह भी अपने समर्थकों के साथ भाजपा में जुड़ अपनी जमीन बनाने को आतुर दिखे।

नहीं मिला उचित सम्मान

नरैनी से पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष, जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद कुशवाहा, तिंदवारी चेयरमैन पति रमेश साहू, जिला पंचायत सदस्य कमलेश साहू, रजोल सिंह, छोटेलाल यादव अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हुए। इन सभी का कहना है कि पूर्व की पार्टियों में उनको उचित सम्मान व जगह नहीं मिली। 

कहते हैं कि भाजपा के प्रत्याशी को जिता कर वह पुरानी पार्टी को अपनी अहमियत दिखाएंगे। इसी प्रकार सपा व बसपा में अन्य दलों से आने वालों की कमी नहीं है। पुरानी पार्टियों को छोड़ने के बाद नई पार्टी में जगह बनाने के दल बदलू नेता जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। नई पार्टी में बेहतर स्थान तथा पार्टी के बड़े नेताओं की नजर में आने की कोशिश में हर संभव काम के लिए तत्पर दिख रहे हैं। 

छोड़ी हुई पार्टियों की कमियां तथा कमजोर कड़ियों को बता वह अपनी भूमिका को मजबूत बनाने की कोशिश जारी है। वहीं पार्टियों की बात करें, तो वह दूसरी पार्टियों से आए लोगों को शामिल करने के बाद मुख्यधारा में लाने से कतरा रही हैं। पार्टियां उनसे जनसंपर्क और जातीय समीकरण के अनुसार काम लेकर अपनी स्थिति बेहतर बना रही है।

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: मोबाइल पर जानिए लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों पर दर्ज मुकदमे, किसके पास कितनी संपत्ति

यह भी पढ़ें: Lok Sabha Election: मायावती ने बताया भाजपा और कांग्रेस में अंतर, इस सीट पर क्यों दिया ब्राह्मण को टिकट, बताई वजह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.